कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (फोटो- सोशल मीडिया)
Congress Attack Modi Government on Gaza-Palestine Conflict: कांग्रेस ने गाजा में हो रहे “भयावह अत्याचारों” पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर एक बार फिर तीखी आलोचना की। कांग्रेस ने सरकार के इस रुख को ‘नैतिक कायरता’ और उन सभी सिद्धांतों के साथ ‘पूरी तरह से धोखा’ बताया है जिनके लिए भारत हमेशा खड़ा रहा है। पार्टी ने सवाल उठाया है कि क्या प्रधानमंत्री अपने दोस्तों, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और इजराइली पीएम नेतन्याहू को खुश करने के लिए भारत की पारंपरिक विदेश नीति को बदल रहे हैं?
यह पूरा राजनीतिक विवाद प्रधानमंत्री मोदी के मंगलवार को दिए गए एक बयान के बाद गहरा गया है। उन्होंने गाजा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नई योजना का स्वागत किया था। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा था कि यह योजना न केवल फिलस्तीनी और इजराइली लोगों के लिए, बल्कि बड़े पश्चिम एशियाई क्षेत्र के लिए भी दीर्घकालिक शांति, सुरक्षा और विकास का एक व्यावहारिक मार्ग प्रदान करती है। इसी बयान को लेकर कांग्रेस अब सरकार पर हमलावर है।
To appease his good friend President Trump and in solidarity with his other good friend Bibi Netanyahu, Prime Minister Modi has welcomed President Trump’s new 20-point plan for Gaza. But fundamental and disturbing questions on the plan remain. 1. Where are the people of Gaza… — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 1, 2025
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा, “अपने अच्छे दोस्त राष्ट्रपति ट्रंप को खुश करने और अपने दूसरे अच्छे दोस्त बीबी नेतन्याहू के साथ एकजुटता दिखाने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने गाजा के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की नई 20-सूत्रीय योजना का स्वागत किया है।” उन्होंने सरकार की मंशा पर कई गंभीर सवाल उठाए, “पिछले बीस महीनों में गाजा में हुए नरसंहार की जवाबदेही कहां है? प्रस्तावित शासन प्रणाली में गाजा के लोग खुद कहां हैं? एक पूर्ण फिलस्तीनी राज्य के बनने का रोडमैप कहां है? अमेरिका और इजराइल कब तक फिलस्तीनी राज्य की मांग को नजरअंदाज करते रहेंगे?”
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यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार की विदेश नीति को घेरा है। पिछले हफ्ते ही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें सरकार के रुख की कड़ी निंदा की गई। इस प्रस्ताव में कहा गया था, “भारत हमेशा से एक नैतिक विवेक का प्रतीक और औपनिवेशिक दुनिया के बाद का चैंपियन रहा है; अब इसे शर्मनाक तरीके से एक मूक दर्शक बना दिया गया है। हमारी विदेश नीति पर अब एक नैतिक दाग लग गया है।” पार्टी लगातार मांग कर रही है कि भारत सरकार को गाजा में हो रहे अत्याचारों पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और शांति के लिए काम करना चाहिए।