माझी लाडली बहन योजना का गलत लाभ (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री माझी लाडली बहन योजना’ में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद 1,183 महिला कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ उठाया, जिनमें पुणे जिला परिषद की 54 महिला कर्मचारी भी शामिल हैं।
दरअसल, इस योजना के लिए केवल पात्र महिलाओं को लाभ लेने की अनुमति थी। सरकारी कर्मचारियों को इससे दूर रहने के निर्देश कई बार जारी किए गए थे। इसके बावजूद संबंधित कर्मचारियों ने योजना का लाभ उठाया। मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने पुणे जिला परिषद को इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट भेजी।
इस पर पुणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) गजानन पाटिल ने स्पष्ट कहा है कि – “सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे योजना का लाभ न लें। अगर किसी ने गलती से लिया हो, तो उन्हें स्वयं सामने आकर जानकारी देनी चाहिए थी। लेकिन जब किसी ने जानकारी नहीं दी, तो अब निश्चित रूप से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।”
गौरतलब है कि इस योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 63 लाख से अधिक महिलाओं ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 2 करोड़ 41 लाख महिलाएं पात्र पाई गईं। वहीं, करीब 7 लाख 76 हजार आवेदन खारिज कर दिए गए। समीक्षा के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी लाभार्थियों का भी पता चला।
पुणे जिले से जुड़ी रिपोर्ट ने तो और भी चौंका दिया। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के गृह जिले पुणे में ही करीब 2 लाख 4 हजार फर्जी लाभार्थी पाए गए। इसी जांच में जिला परिषद की महिला कर्मचारियों के नाम भी सामने आए।
अब महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने जिला परिषद सीईओ को दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आने वाले दिनों में इस प्रकरण पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।