अजित पवार (सौजन्य-एक्स)
परभणी: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने परभणी के दौरे के दौरान बजट के पैसों का वितरण कैसे हो रहा है, इस बात का खुलासा किया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि सात लाख करोड़ रुपये के बजट में से राज्य सरकार 3.5 लाख करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और ऋण पर खर्च कर रही है, जबकि 65,000 करोड़ रुपये लाडकी बहिन योजना और किसानों के लिए बिजली माफी योजना पर खर्च किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन मदों के तहत 4.15 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बाद शेष राशि विकास कार्यों में खर्च की जा रही है। परभणी में अपनी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की एक बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने यह भी कहा कि पार्टी के जो कार्यकर्ता राजनीतिक नेता बनना चाहते हैं, उन्हें (सरकारी कार्यों के लिए) ठेकेदार नहीं बनना चाहिए।
राज्य सरकार के व्यय के बारे में बात करते हुए, वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा, “सरकार किसानों के लिए बिजली बिल माफी योजना के तहत महाराष्ट्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) को 17,000 से 20,000 करोड़ रुपये दे रही है। राज्य को एक साल में लाडकी बहिन योजना के लिए 45,000 करोड़ रुपये की जरूरत है।”
परभणीत कार्यकर्ता संवाद मेळावा पार पडला. यावेळी उपस्थित पदाधिकारी, कार्यकर्ते आणि ग्रामीण पट्ट्यातून आलेल्या नागरिकांना संबोधित केलं. सर्व समाज घटकाच्या विकासाच्या अनुषंगानं पक्षाची आणि राज्य सरकारची भूमिका स्पष्ट केली. यामध्ये केंद्र सरकारचं मिळणारं सहकार्य यावरही प्रकाश टाकला.… pic.twitter.com/HLyBNEwFWb
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) April 26, 2025
उन्होंने कहा, “राज्य का बजट परिव्यय 7 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से 3.5 लाख करोड़ रुपये वेतन, पेंशन और ऋण चुकाने पर खर्च किए जाते हैं, जबकि 65,000 करोड़ रुपये उपरोक्त दो (लाडकी बहिन और बिल माफी) योजनाओं पर खर्च किए जाते हैं। शेष राशि से हम राज्य के विकास कार्यों में खर्च करने की कोशिश कर रहे हैं।”
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अजित पवार ने कहा हम शिक्षा और कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केंद्र सरकार महाराष्ट्र को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण देने जा रही है। सरकार ने बिजली बिलों की माफी की पेशकश की है ताकि हमारे किसान खुशी से रह सकें। इसके लिए राज्य सरकार को अपने खजाने से महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) को 17 से 20 हजार करोड़ रुपये देने होंगे। लेकिन हम हर तरह से सहयोग करते रहेंगे, उन्होंने अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की। (एजेंसी इनपुट के साथ)