नागपुर. एनडीसीसी बैंक के कथित घोटाले में सजा सुनाए जाने के बाद सुनील केदार की ओर से इस पर रोक लगाने तथा जमानत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश उर्मिला जोशी फालके ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 6 जनवरी तक जवाब दायर करने का आदेश दिया.
साथ ही अदालत ने 9 जनवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी. हालांकि याचिकाकर्ता केदार ने अंतरिम राहत की गुहार भी लगाई किंतु फिलहाल इसके लिए उन्हें इंतजार करना होगा. अब मंगलवार को होने वाली सुनवाई के बाद ही कोई निर्णय हो सकेगा. उल्लेखनीय है कि एनडीसीसी बैंक में कथित 150 करोड़ के घोटाले को लेकर सुनील केदार सहित अन्य 5 को सजा सुनाई गई थी. केदार की ओर से वरिष्ठ वकील सुनील मनोहर ने पैरवी की.
सुनवाई के दौरान अधि. मनोहर ने कहा कि अति. मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने 22 दिसंबर को याचिकाकर्ता को विभिन्न अपराधों के तहत दोषी करार दिया जिसमें 5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 12.50 लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई है. इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से सजा को निलंबित करने तथा आदेश पर रोक लगाने के लिए जिला व सत्र न्यायालय के समक्ष आवेदन किया था जिस पर सुनवाई के बाद दोनों प्रार्थनाएं खारिज हो गईं. अधि. मनोहर ने कहा कि याचिकाकर्ता का समाज के हितों में राजनीति को लेकर लंबा कार्यकाल रहा है. समाज में उनकी जड़ें गहराई तक हैं. ऐसे में जमानत देने पर उनके कहीं भागने की आशंका नहीं है. परिवार में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदार व्यक्ति हैं. अपील के लंबित रहने पर कारावास के कारण उनके आश्रितों को बहुत कठिनाई होगी. ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत देने का अनुरोध अदालत से किया गया.
हालांकि अदालत ने इस मामले में गुरुवार को ही सुनवाई करने के संकेत तो दिए किंतु सरकार की ओर से पैरवी कर रहे विशेष सरकारी वकील अजय मिसर ने अगले ही दिन मामले में पैरवी करने में असमर्थता जताई. जवाब दायर करने के लिए 9 जनवरी तक का समय देने का अनुरोध अदालत से किया जिससे अदालत ने 9 जनवरी तक के लिए सुनवाई तो स्थगित की किंतु सरकारी पक्ष को अग्रिम रूप में 6 जनवरी तक जवाब दायर करने का आदेश दिया. साथ ही इसकी एक प्रति केदार के वकील को उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया.