महायुति Vs महाविकास आघाड़ी (सौ. सोशल मीडिया )
Nashik News In Hindi: राज्य में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच गठबंधन और सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
ऐसी संभावना है कि दोनों ही गठबंधन कुछ जगहों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जबकि कुछ जगहों पर उनके बीच ‘मित्रवत’ मुकाबला हो सकता है। महाविकास अघाड़ी में अगर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और मनसे एक साथ आते है, तो कांग्रेस और राकांपा (शरद पवार) का रुख क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
यहां भाजपा अजीत पवार के गुट को साथ लेकर शिवसेना (शिंदे) को मात देने की कोशिश कर सकती है लेकिन, जिला परिषद के चुनाव में भाजपा और शिंदे गुट, अजीत पवार की एनसीपी के खिलाफ एक साथ आ सकते है। पिछले विस चुनाव में जिले की 15 सीटों में से राकांपा के सबसे ज्यादा 7 विधायक जीते थे।
भाजपा, शिंदे गुट के साथ मिलकर इन 7 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी सीटें बढ़ाने की कोशिश कर सकती है, जबकि एनसीपी (अजीत पवार) भी अपने गढ़ों को बचाने की पूरी कोशिश करेगी। नाशिक शहर में चुनावी समीकरण तरह से कोशिश कर रहा है। पिछले मनपा बिल्कुल अलग है। यहां भाजपा के 3 विधायक हैं और पार्टी आलाकमान शहर में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए पूरी चुनाव (122 सीटें) में भाजपा ने 66, शिवसेना ने 35, काग्रेस और राकांपा ने 6-6 सीटें जीती थी।
अब कुछ नगरसेवकों के पाला बदलने से यह आंकड़ा बदल सकता है। पिछली बार भाजपा ने अकेले चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी, और इस बार भी उसके सामने दोनों शिवसेना गुटों की चुनौती है। अगर भाजपा शिंदे गुट के साथ गठबंधन करती है, तो उसके कई उम्मीदवारों में नाराजगी फैल सकती है, इसलिए यह गठबंधन मुश्किल लग रहा है लेकिन, अजीत पवार गुट की ताकत कम होने के कारण भाजपा उन्हें अपने साथ ले सकती है।
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