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बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ स्टील कंपनियों का ‘शटडाउन’, 100 करोड़ का घाटा

स्टील उत्पादक कंपनियों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए मंगलवार से कंपनियां बंद करने का फैसला किया है। जिले की 10 कंपनियों ने बंद में हिस्सा लिया है और उनमें से कुछ ने पूरी तरह से उत्पादन बंद कर दिया है।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Jul 02, 2025 | 01:15 PM

स्टील कंपनियों का 'शटडाउन' (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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नासिक: स्टील उत्पादक कंपनियों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए मंगलवार से अपनी कंपनियां बंद करने का फैसला किया है। जिले की 10 कंपनियों ने बंद में हिस्सा लिया है और उनमें से कुछ ने पूरी तरह से उत्पादन बंद कर दिया है। कुछ कंपनियों ने 50 प्रतिशत क्षमता पर उत्पादन जारी रखा है। बंद के कारण उद्यमियों को हर महीने 100 करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। चूंकि प्रतिदिन 8 लाख यूनिट का उपयोग नहीं होगा, इसलिए महावितरण को प्रतिदिन 80 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।

सातपुर, अंबड़, डिंडोरी और सिन्नर औद्योगिक क्षेत्र में स्टील कंपनियां हैं और चूंकि वे 24 घंटे बिजली पर चलती हैं, इसलिए उनका उत्पादन खर्च बिजली दर पर निर्भर करता है। बिजली दरों में वृद्धि से बचने की मांग के बावजूद राज्य सरकार द्वारा बिजली मूल्य वृद्धि का झटका उद्यमियों की अर्थव्यवस्था को चौपट करने की आशंका है। इसलिए उद्यमियों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए मंगलवार से काम बंद आंदोलन शुरू कर दिया है।

उद्योगपतियों को प्रतिदिन 100 करोड़ का घाटा

जिले की छोटी-बड़ी 10 स्टील कंपनियों में से कुछ पूरी तरह हड़ताल पर चली गई हैं, जबकि अन्य आधी क्षमता पर काम कर रही हैं। बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ इस हड़ताल में सभी कंपनियां शामिल हैं। हालांकि इससे उद्यमियों को नुकसान होने की संभावना है, लेकिन वे इस बात से संतुष्ट हैं कि उन्हें बिजली दरों में बढ़ोतरी से राहत मिली है।

महावितरण को 80 लाख का घाटा

हर दिन करीब आठ लाख यूनिट बिजली का उपयोग नहीं होने से महाराष्ट्र वितरण कंपनी को भी करीब 80 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। उद्यमियों को मुख्यमंत्री के दौरे की उम्मीद है, लेकिन मानसून सत्र के कारण मुलाकात होगी या नहीं, इस पर संशय जताया जा रहा है।

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31 में से 10 कंपनियां ही चालू

जिले में 2016 तक कुल 31 स्टील कंपनियां थीं। लेकिन, बिजली के दाम बढ़ने और अन्य कारणों से 21 कंपनियां बंद हो चुकी हैं और अब सिर्फ 10 छोटी-बड़ी कंपनियां ही चालू हैं। कंपनियों के बंद होने के पीछे राज्य सरकार की बिजली के दाम बढ़ाने की नीति बताई जा रही है। इस बीच, 2016 से ही स्टील उद्यमी मांग कर रहे हैं कि बिजली के दाम पड़ोसी राज्यों के बराबर किए जाएं।

एक हजार श्रमिकों का रोजगार खतरे में: बाहेती

नासिक के इस्पात उद्यमी अजय अजय बाहेती ने बताया कि स्टील उद्योग में करीब एक हजार श्रमिक काम करते हैं। हालांकि अभी काम बंद है, लेकिन कंपनियों की ओर से श्रमिकों को वेतन दिया जा रहा है। हालांकि, कुछ कंपनी प्रबंधनों ने संकेत दिया है कि अगले दो-तीन दिनों में श्रमिकों के वेतन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा, ऐसे में उनके रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है। फिलहाल बिजली का बिल करीब सात से आठ करोड़ रुपये प्रतिमाह है। मूल्य वृद्धि के कारण 70 से 80 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। जो असहनीय है।

बातचीत से मुद्दे को सुलझाया जा सकता है: लटपटे

नासिक सर्कल, महावितरण के मुख्य अभियंता सुंदर लटपटे ने बताया कि स्टील उद्योग द्वारा हड़ताल का सही कारण समझ में नहीं आ रहा है। उन्हें बिजली की सही दर पर चर्चा करनी चाहिए जिसका वे विरोध कर रहे हैं। बिजली का उपयोग करने वाले अन्य बड़े उद्योग भी हैं। हालांकि, उन्होंने कंपनियां बंद नहीं की हैं। इस मुद्दे को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जा सकता है।

Steel companies shutdown against hike in electricity rates production of 1000 tonnes of steel stopped

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Published On: Jul 02, 2025 | 01:06 PM

Topics:  

  • Mahavitaran Company
  • Nashik News
  • Shutdown

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