नासिक में आरएसएस का मार्च (pic credit; social media)
RSS March in Nashik: विजयादशमी के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा आयोजित पथ संचलन ने शहर में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया। इस भव्य आयोजन में 4000 से अधिक स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया और अनुशासित प्रदर्शन के जरिए राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
संचलन इंदिरानगर, गंगापुर रोड, मखमलाबाद, अमृतधाम समेत शहर के 21 प्रमुख स्थानों पर आयोजित किया गया। दशहरा के शुभ मुहूर्त पर हर साल आयोजित यह कार्यक्रम इस बार भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। स्वयंसेवकों ने गणवेश में पूरी तरह सजकर, घोष पथकों के साथ मार्च किया।
सड़क किनारे खड़े नागरिकों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा की और रंगोली बनाकर पथ संचलन का जोरदार स्वागत किया। आयोजकों के अनुसार, 1100 से अधिक स्वयंसेवकों ने पहली बार गणवेश पहनकर हिस्सा लिया, जो संगठन की मजबूती और अनुशासन का परिचायक है।
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इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। डॉ. महेश मालू, प्राचार्य सुनील जगताप, नृसिंहकृपादास प्रभुजी, कवयित्री कविता राऊत, संघ पदाधिकारी प्रमोद कुलकर्णी, राजेश राव और शहर संघचालक विजय मालपाठक ने कार्यक्रम में भाग लेकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया।
आरएसएस के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार के पथ संचलन समाज में अनुशासन और एकता की भावना को मजबूत करने के लिए आयोजित किए जाते हैं। स्वयंसेवकों ने अपने कदम और घोष की तालमेल से यह साबित किया कि युवा पीढ़ी में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की भावना कितनी गहरी है।
शहरवासियों ने इस अवसर पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की सीख देते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इस संचलन में सक्रिय भागीदारी के लिए आगे आए।
नाशिक में आयोजित यह पथ संचलन न केवल दशहरा की खुशी को दोगुना करने वाला था, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अनुशासन का संदेश भी पूरे शहर में फैल गया। आयोजकों ने बताया कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन निरंतर किए जाएंगे, ताकि समाज में अनुशासन और जागरूकता बनी रहे।