नासिक : नासिक-पुणे (Nashik-Pune) नए दुहेरी मध्यम हाई स्पीड ब्रॉड गेज लाइन (Broad Gauge Line) के लिए विद्युतीकरण (Electrification) सहित निर्माण के लिए भूसंपादन प्रक्रिया शुरू है, परंतु यह रेल मार्ग बनाने वाले महारेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (महारेल) ने पर्याप्त निधि न होने से नासिक जिला अधिकारी (Nashik District Officer) कार्यालय को पत्र भेजकर भूसंपादन (Land Acquisition) का काम रोकने की अपील की।
इस महीने में ही नासिक-पुणे रेल मार्ग को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा हरी झंडी दिखाई थी, लेकिन महारेल ने पर्याप्त निधि न होने की बात करने से नासिक-पुणे हायस्पीड रेल मार्ग को लेकर संभ्रम निर्माण हो गया है। पिछले साल अक्टूबर महीने में नासिक-पुणे सेमी हायस्पीड रेल मार्ग को केंद्रीय रेल मंत्रालय की अनुमति न होने का मुद्दा सामने आया था। इसके बाद यह रेल मार्ग होगा या नहीं, जिसे लेकर अनिश्चितता निर्माण हुई थी। इसके बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रेल मंत्रालय से चर्चा कर समस्या हल करने की बात की थी। नासिक-पुणे महामार्ग के पास औद्यागिक महामार्ग की घोषणा की गई। इसलिए नासिक-पुणे रेल मार्ग न होने की टीका विपक्ष द्वारा की जा रही थी।
फरवरी महीने की शुरुआत में ही उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रेल मार्ग को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने सादरीकरण कर समस्या को हल करने का प्रयास किया। इसके बाद रेल मंत्री वैष्णव ने इस मार्ग को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद राज्य सरकार ने उपलब्ध किए गए निधि के माध्यम से जमीन का मूल्यांकन और भूसंपादन की प्रक्रिया शुरू की गई। इसी बीच नासिक जिला अधिकारी कार्यालय को महारेल के नासिक के प्रमुख सलाहगार अशोक गरुड़ का एक पत्र मिला, जिसमें पर्याप्त निधि न होने से भूसंपादन की प्रक्रिया रोकने की अपील की। नासिक जिले से नासिक और सिन्नर तहसील के 22 गांवों से रेल मार्ग गुजरने वाला है। सिन्नर के 17 और नासिक के 5 गांवों से भूसंपादन किया जाएगा। अब तक इस प्रकल्प के लिए सिन्नर तहसील से 45 हेक्टेयर क्षेत्र संपादित किया गया है।