पूजा खेडकर मामला (फाइल फोटो)
Pooja Khedkar News: नासिक के संभागीय आयुक्त प्रवीण गेडाम ने पूजा खेडकर का ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र रद्द कर दिया है। पूजा भारतीय प्रशासनिक सेवा की पूर्व प्रशिक्षु हैं और उन पर फर्जी पहचान और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 2022 की सिविल सेवा परीक्षा पास करने का आरोप है। उनका प्रशिक्षण काल पहले ही समाप्त हो चुका है।
पूजा खेडकर अपने प्रमाणपत्र रद्द किए जाने के खिलाफ मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराएंगी। संभागीय आयुक्त गेडाम ने एक महीने पहले पूजा खेडकर का ओबीसी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन खारिज कर दिया था। पूजा खेडकर ने अब राज्य के ओबीसी विभाग के सचिव अप्पासाहेब धुले के पास अपना आवेदन दायर किया है। इसके लिए पूजा खेडकर ने चार हफ्ते की समयसीमा भी मांगी है।
2023 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा पर ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर और दिव्यांग आरक्षण का दुरुपयोग करने का आरोप है। पूजा खेडकर पर झूठे जाति और दिव्यांग प्रमाणपत्र देने और मानसिक बीमारी, कम दृष्टि और चलने-फिरने में समस्या जैसी बीमारियां दिखाकर आरक्षण हासिल करने का आरोप है।
ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर आरक्षण पाने के लिए, उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। पूजा खेडकर ने अपने परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपये दिखाई थी। हालांकि, जांच में पता चला कि उनके परिवार के पास 23 चल संपत्तियां और 12 कारें थीं। पूजा के पिता दिलीप खेडकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अधिकारी थे और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ते समय 40 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी।
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जुलाई 2024 में, यूपीएससी ने पूजा खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और आगे की परीक्षाओं में बैठने पर भी रोक लगा दी। इतना ही नहीं, पूजा पर धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज़ों का मामला भी दर्ज किया गया। केंद्र सरकार ने भी सितंबर 2024 में पूजा को उनके पद से बर्खास्त कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें, कि 2023 बैच की IAS अधिकारी पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें पूजा ने खुद को दिव्यांग के रूप में पेश किया था और आरक्षण प्राप्त किया था। पूजा खेडकर सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों में फंस गई। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय का बताया था। यही नहीं पूजा पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी गंभीर आरोप लगाया गया था।