पूजा खेडकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: पिछले साल विवादित व्यवहार और यूपीएससी में सिलेक्शन को लेकर विवादों में घिरी पूर्व आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर एक बार फिर सुर्खियाें में हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर के ‘नॉन क्रीमी लेयर’ प्रमाण पत्र के मामले में विभागीय आयुक्त कार्यालय में सुनवाई शुरू हो गई है।
नासिक विभागीय आयुक्त कार्यालय में सुनावाई के दौरान पूजा खेडकर अनुपस्थित रहीं, लेकिन उनके पिता दिलीप खेडकर वकीलों के साथ मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार अगली सुनवाई एक पखवाड़े में होगी।
आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर अपने ‘नॉन-क्रीमी लेयर’ प्रमाणपत्र को लेकर विवाद में फंस गई हैं। हाल ही में, नासिक विभागीय आयुक्त के कार्यालय ने खेडकर को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उनसे कारण बताने के लिए कहा गया कि उनका ‘नॉन-क्रीमी लेयर’ प्रमाणपत्र क्यों न रद्द कर दिया जाए।
पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने वकीलों के माध्यम से मंगलवार को अपनी दलीलें पेश कीं। यह एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है, और राजस्व आयुक्त के कार्यालय ने इस दौरान गोपनीयता बनाए रखी है। खेडकर के प्रमाणपत्र को लेकर विवाद उन आरोपों से उपजा है, जिनमें कहा गया है कि उनके परिवार की आय और संपत्ति ‘नॉन-क्रीमी लेयर’ श्रेणी की सीमा से अधिक है।
दिलीप खेडकर एक पूर्व सिविल सेवक है उन्होंने ने अपने चुनावी हलफनामे में 40 करोड़ रुपये की आय घोषित की थी, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि पूजा खेडकर ‘नॉन-क्रीमी लेयर’ प्रमाणपत्र के लिए कैसे योग्य हैं। मामले की अगली सुनवाई एक पखवाड़े में होने वाली है।
पूजा खेडकर पर 2022 संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए अपने दस्तावेजों में जालसाजी करने का आरोप है। पूजा खेडकर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और दृष्टिबाधित श्रेणियों के तहत सिविल सेवा परीक्षा देकर और मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके आईएएस में स्थान प्राप्त करने के आरोप भी लगे।
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इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने पूजा खेडकर के प्रशिक्षण कार्यक्रम रद्द कर दिया था और उनकी उम्मीदवारी भी रद्द कर भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी है।
जानकारी के लिए बता दें कि 2023 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें से एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता को दर्शाता है। खेडकर (34) सिविल सेवा परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था। यही नहीं पूजा खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप था।