अल्पसंख्यकों की बढ़ी सक्रियता (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik Politics: नासिक महानगरपालिका चुनाव की आहट होते ही सभी सामाजिक घटकों में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। ऐसे में अल्पसंख्यक समुदाय के राजनीतिक इच्छुक भी सक्रिय होते नज़र आ रहे हैं। वर्ष 2017 में भाजपा की ओर से वार्ड 23 से शाहीन सलीम मिर्ज़ा के निर्वाचित होने के बाद मुस्लिम समाज में भाजपा के प्रति सकारात्मकता बढ़ी है। यही कारण है कि इस बार भाजपा में अल्पसंख्यक इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
स्थानीय मुद्दे, विकास कार्यों की प्रगति और राजनीतिक प्रतिनिधित्व इन कारणों से मुस्लिम समाज में वार्डवार उम्मीदवार बनने की उत्सुकता दिखाई दे रही है। भाजपा के विभिन्न वार्डों से इच्छुक उम्मीदवार आवेदन दाखिल कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार शाहीन मिर्ज़ा या उनके पुत्र मुज़म्मिल मिर्ज़ा -वार्ड 23, नवाब जागीरदार-वार्ड 13, अल्पसंख्यक भाजपा शहराध्यक्ष रफीक शेख व महिला उम्मीदवार रिज़वाना सय्यद- वार्ड 30, मुफद्दल पेंटर-वार्ड 15, फिरोज़ शेख और हनीफ शेख- वार्ड 14, इन सभी वार्डों से इच्छुक उम्मीदवारों ने भाजपा में दावा पेश किया है।
पिछली बार पहली बार चुनकर आने वाली शाहीन मिर्ज़ा के कार्यकाल में वार्ड के कई हिस्सों में सभागृह निर्माण, सड़क विकास, उद्यान, वृक्षारोपण, ग्रीन जिम, स्वच्छता आदि कार्यों को गति मिली। इसके चलते मुस्लिम समाज में उनके और भाजपा के बारे में सकारात्मक चर्चा होने लगी। कहा जाता है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक देवयानी फरांदे को भी इसका लाभ मिला था।
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हालाँकि विरोधी दल भाजपा पर मुस्लिम विरोधी पार्टी होने का आरोप लगाते रहे हैं, बावजूद इसके वर्तमान परिस्थिति में शहर के मुस्लिम समाज में भाजपा के प्रति झुकाव स्पष्ट रूप से बढ़ा है।
पुराने नासिक सहित शहर के कई वार्डों में पानी की आपूर्ति, सड़क, स्वच्छता, यातायात जाम और सार्वजनिक सुविधाओं की कमी जैसे मूलभूत प्रश्न अब भी पूरी तरह समाधान नहीं हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई विकास कार्यों को गति मिली है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अभी भी अपेक्षित कार्य बाकी होने के कारण चुनावी माहौल में ये मुद्दे चर्चा में हैं।