
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Nashik Municipal Election: नासिक महानगरपालिका चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे ने नासिक भाजपा के भीतर एक बड़े विद्रोह की स्थिति पैदा कर दी है। उम्मीदवारी न मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं ने सोमवार को जमकर हंगामा किया और पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब विल्होली स्थित एक बंगले पर AB फॉर्म बांटने की गोपनीय प्रक्रिया चल रही थी, वहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर घेराबंदी कर दी।
नाराज कार्यकर्ताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सालों तक पार्टी के लिए जमीन पर पसीना बहाने वाले निष्ठावान सदस्यों को नजरअंदाज किया गया है- कई दावेदारों को यह कहकर रोका गया कि वे ‘सर्वे’ में पीछे हैं, जिससे उनमें भारी असंतोष है।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पार्टी के मूल सिद्धांतों को ताक पर रखकर नए और दूसरे दलों से आए ‘बाहरी’ उम्मीदवारों को टिकट बांटे जा रहे हैं। वफादारों ने सवाल उठाया कि अगर संकट के समय साथ देने के बाद भी मौका न मिले, तो कार्यकर्ताओं की मेहनत की क्या कीमत रह जाएगी ?
हंगामे के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि टिकट वितरण में आर्थिक लेनदेन (पैसे लेकर टिकट देना) हुआ है। मीडिया से बात करते हुए आंदोलनकारी कार्यकर्ताओं ने कहा, अगर मंत्री गिरीश महाजन स्वयं हमसे आकर यह कहते हैं कि हमें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, तो हम अपनी दावेदारी छोड़ देंगे, लेकिन अंधेरे में इस तरह टिकट बांटना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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इस घटनाक्रम से नासिक का राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया है। पार्टी के भीतर मची यह अंतर्कलह अब सड़कों पर आ गई है, जिससे पाटी की छवि और चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ने की आशंका है।






