
महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Manikrao Kokate Fraud Case: महाराष्ट्र के खेल मंत्री और एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे का मंत्री और विधायक पद खतरे में पड़ गया है। 1995 के धोखाधड़ी मामले में नासिक जिला सत्र न्यायालय ने उनकी दो साल की सजा को बरकरार रखा है। अदालत ने उनकी और उनके भाई की गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता माणिकराव कोकाटे की बढ़ती मुश्किलों के बीच अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। नासिक जिला सत्र न्यायालय ने न केवल उनकी दो साल की कैद और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा को बरकरार रखा है, बल्कि माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया है।
कोर्ट के आदेश के बाद दोनों भाइयों को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है। फिलहाल, दोनों भाई संपर्क से बाहर हैं। एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि उनकी टीम कोकाटे भाइयों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।
यह मामला 1995 में सरकारी कोटे के 10 प्रतिशत फ्लैटों के आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। कोकाटे पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री कोटे से आरक्षित इन फ्लैटों को कम दरों पर पाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और धोखाधड़ी की। माणिकराव और उनके भाई विजय कोकाटे ने खुद को कम आय वर्ग (EWS) का दिखाया था और यह झूठा दावा किया था कि शहर में उनके पास कोई घर नहीं है। इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने नासिक के पॉश इलाके में दो अपार्टमेंट हासिल किए थे।
यह मामला पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले की शिकायत के बाद 1997 में सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इस मामले में कोकाटे, उनके भाई और दो अन्य लोगों समेत कुल चार आरोपी हैं।
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जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, अगर किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सज़ा मिलती है, तो उनकी सदस्यता तत्काल रद्द कर दी जाती है। चूंकि सत्र न्यायालय ने प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा 20 फरवरी, 2025 को दी गई सजा को बरकरार रखा है, कोकाटे का विधायक पद अब खतरे में है।
कोकाटे की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जैसे ही कोर्ट के इस फैसले की कॉपी विधानमंडल को मिलेगी, उनका विधायक पद तुरंत रद्द हो जाएगा। मंत्री के वकीलों ने कोर्ट से सज़ा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया था क्योंकि कोकाटे अस्पताल में इलाज करवा रहे थे, लेकिन कोर्ट ने उन्हें किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया।






