प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Migratory Birds Nashik Hindi News: नासिक का नांदूरमध्यमेश्वर अभयारण्य इन दिनों प्रकृति प्रेमियों और पक्षी विशेषज्ञों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है! यहाँ हवा में गोता लगाने वाले और पृथ्वी के सबसे तेज शिकारी पक्षी ‘पेरेग्रीन फाल्कन’ (Pere-grine Falcon) का आगमन हुआ है।
जिसे हिंदी में ‘बहिरी ससाणा’ या ‘शाही ससाणा’ भी कहते हैं। निफाड तहसील में स्थित यह अभयारण्य वर्तमान में करीब 35 से 40 हजार देशी-विदेशी पक्षियों के कलरव से गुलजार है, और अब इस ‘पक्षी – महाकुंभ’ में रफ्तार के इस बेताज बादशाह की एंट्री ने रोमांच और बढ़ा दिया है।
की एंट्री ने रोमांच और बढ़ा दिया है। रफ्तार का बेताज बादशाह पेरेग्रीन फाल्कन को यूं ही दुनिया का सबसे तेज जीव नहीं कहा जाता। इसकी चपलता और शिकार करने की तकनीक हैरान कर देने वाली है।
यह पक्षी हवा में 180 मील प्रति घंटे (लगभग 290 किलोमीटर प्रति घंटा) से भी अधिक की अविश्वसनीय गति से उड़ान भर सकता है। जब यह अपने शिकार पर झपटता है, तो इसकी गति और भी बढ़ जाती है, मानो कोई मिसाइल दागी गई हो।
यह हवा में ही अपने शिकार (छोटे पक्षी या रेंगने वाले जीव) को भेदने में माहिर है। अपनी नुकीली चोंच से यह इतनी तेजी से हमला करता है कि शिकार की रीढ़ की हड्डी पल भर में तोड़ देता है।
यह प्रकृति का एक अद्भुत ‘एयरबोर्न प्रीडेटर’ है। गहरे हरे पंख, फुर्तीला शरीर और आंखों के पास की काली पट्टियां इसे एक विशिष्ट और राजसी रूप देती हैं, तभी इसे ‘शाही ससाणा’ भी कहा जाता है।
कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच गोदावरी नदी पर स्थित नांदूरमध्यमेश्वर बांध ने विदेशी पक्षियों को आकर्षित किया है। हाल ही में पक्षी प्रेमी डॉ. श्रीराम उपाध्ये ने इस दुर्लभ पेरेग्रीन फाल्कन को अपने कैमरे में कैद कर इस रोमांचक खबर की पुष्टि की।
वन परिक्षेत्र अधिकारी हिरालाल चौधरी ने बताया कि यह पक्षी आमतौर पर यूरोप और अमेरिका के क्षेत्रों में पाया जाता है, और भारत में इसका दिखना काफी दुर्लभ माना जाता है, यह हजारों मील का सफर तय कर यहाँ पहुंचा है।
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पेरेग्रीन फाल्कन के अलावा, नांदूरमध्यमेश्वर इन दिनों दुनिया के विभिन्न कोनों से आए अन्य हजारों पक्षियों का मेजबान बना हुआ है: साइबेरिया और अलास्का से सोनचिखल्या, क्रौंच करकोचा और तरंग पक्षी उत्तर कोरिया और तिब्बत सेः शापट्या, पट्ट कादंब और चक्रवाक, यूरोप और हिमालय से लालसरी, तलवार बदक और नकटा पक्षी, ये मेहमान पक्षी पर्यटकों और पक्षी प्रेमियों के लिए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रशासन ने अपील की है कि पर्यटक इन पक्षियों के प्राकृतिक वास में खलल न डाले।