किरीट सोमैया (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मालेगांव: भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने मालेगांव में बनावट जन्म प्रमाण पत्र मामले में संबंधित आवेदकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है लेकिन इस मामले में माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी ने सोमैया की कड़ी आलोचना की है। कमेटी का आरोप है कि सोमैया दादागिरी और गुंडागर्दी के दम पर प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
आसिफ शेख और मुश्ताकिम डिग्निटी ने जानकारी दी है कि सोमैया के विरोध में माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी सोमवार 14 जुलाई को अपर जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करेगी। सोमैया हाल ही में बनावट जन्म प्रमाण पत्र मामले को लेकर मालेगांव आए थे। इस दौरान उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक और मनपा आयुक्त से मुलाकात की।
इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोमैया ने स्पष्ट किया कि जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदकों ने फर्जी और जाली दस्तावेजों का सहारा लिया था। उन्होंने ऐसे सभी आवेदकों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है और बताया कि इस संबंध में किला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। माइनॉरिटी डिफेंस कमेटी ने सोमैया पर प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए उनकी आलोचना की है।
कमेटी ने बताया कि सोमैया की मांग पर ही इस बनावट जन्म प्रमाण पत्र मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। जांच में एक भी बांग्लादेशी या रोहिंग्या नागरिक नहीं पाया गया है। आसिफ शेख ने आरोप लगाया है कि यह शहर को बदनाम करने की साजिश है और सोमैया दादागिरी और गुंडागर्दी के बल पर प्रशासन को बंधक बना रहे हैं।
शेख ने पीड़ित परिवारों के सदस्यों से 14 जुलाई को होने वाले आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया है। पिछले दौरे के दौरान सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमैया के काफिले को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरे पर एहतियात के तौर पर किला पुलिस ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था।
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आपको जानकारी दें, कि 8 जुलाई को किरीट सोमैया ने मालेगांव में प्रसे कॉन्फ्रेंस की थी। भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. किरीट सोमैया ने जाली दस्तावेजों का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि 1044 आवेदकों ने जाली और झूठे दस्तावेजों के आधार पर देर से जन्म पंजीकरण और प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं। सोमैया ने मालेगांव में बताया था कि इन सभी आवेदकों की जानकारी सबूतों के साथ पुलिस को सौंपी गई थी और उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की गई।