सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Nashik News: नाशिक ज़िले के सुरगाणा तहसील के कुछ गांवों में मंगलवार दोपहर और शाम को भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए। शिंदे गांव में ज़मीन से आवाज़ आने की भी जानकारी मिली है। फिलहाल इस भूकंप की तीव्रता कितनी थी और इसका केंद्र कहां था, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
कलवण तहसील का दलवट और आसपास का क्षेत्र पहले से ही भूकंप प्रवण माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के साथ-साथ सुरगाणा और त्र्यंबकेश्वर तहसीलों के कुछ हिस्सों में हर साल मानसून के अंतिम चरण में ज़मीन में हलचल महसूस की जाती है। जिला आपत्ती व्यवस्थापन विभाग ने बताया कि मंगलवार को शिंदे गांव और उसके 6 से 7 किलोमीटर के दायरे में भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए।
शिंदे गांव के सरपंच ने तहसील कार्यालय को ज़मीन से आवाज़ें आने की सूचना दी। इसके बाद प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों से जानकारी जुटाई। सुरगाणा के तहसीलदार रामजी राठोड़ ने बताया कि नगशेवडी, वांगहुलुपाड़ा, मोहपाड़ा, चिरई, रोटी और हरनटेकड़ी गाँवों में हल्के झटके महसूस किए गए।
इन झटकों से किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, ज़मीन के नीचे से आने वाली आवाज़ों और झटकों ने ग्रामीणों में भय का वातावरण बना दिया है। भूकंप की तीव्रता जानने के लिए प्रशासन ने महाराष्ट्र इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (मेरी) के भूकंप मापन केंद्र से संपर्क किया है। वहां से जानकारी मिलने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।
सुरगाणा गुजरात सीमा से सटा एक दुर्गम आदिवासी तहसील है। पिछले कुछ वर्षों से यहां के साथ-साथ कलवण और दलवट-पेठ क्षेत्र में बीच-बीच में ज़मीन में हलचल महसूस की जाती रही है। दलवट, कोसुर्ड, भकुर्ड, जामले, खिरड और बोरदेवट जैसे गांवों में अक्सर भूकंप जैसे झटके आते रहते हैं। कई बार तो ग्रामीणों को डर के मारे रातभर घर के बाहर जागकर गुज़ारना पड़ा है।
कुछ साल पहले एक बांध पर वेधशाला दोबारा शुरू की गई थी, लेकिन वहां भूकंप मापने का उपकरण स्थापित नहीं किया गया। सुरगाणा तहसील के गांवों में हल्के झटके महसूस हुए, लेकिन उनका केंद्र पता लगाना मुश्किल है। इसकी वजह यह है कि किसी भूकंप का केंद्र पता लगाने के लिए कम से कम तीन वेधशालाओं का होना ज़रूरी है। फिलहाल राज्य के जलसंसाधन विभाग की 30 वेधशालाओं में से 28 बंद पड़ी हैं। भूकंप मापन उपकरण केवल नाशिक और इसापुर (अप्पर पैनगंगा) में ही मौजूद हैं।
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बांध सुरक्षा समिति के अनुसार, केंद्रीय भूकंप विज्ञान संस्थान द्वारा मुंबई, पुणे, कराड, लातूर, नागपुर और अकोला में लगाए गए छह उपकरण 3 रिक्टर स्केल से कम की स्थानीय हलचल दर्ज नहीं करते। साथ ही, समिति का कहना है कि घरेलू भूकंपों की ताज़ा जानकारी संस्थान की वेबसाइट पर तुरंत उपलब्ध नहीं होती।