नासिक में भारी बारिश
Nashik News: महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ संकट को और गहरा कर दिया है। रविवार को मराठवाड़ा के बाद नाशिक जिले को भी अतिवृष्टि का सामना करना पड़ा। राज्य आपत्ती प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 8 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 72 पशुओं के मरने की भी जानकारी सामने आई है। सोलापुर में सीना नदी ने चेतावनी स्तर छू लिया है, जबकि भीमा नदी टाकली में चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही है। नांदेड जिले में गोदावरी नदी में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य में एनडीआरएफ की 18 और एसडीआरएफ की 6 टीमें तैनात की गई हैं। मुंबई में 2 टीमें कार्यरत हैं। नाशिक जिले में मूसलधार बारिश से गोदावरी, दारणा और अन्य उपनदियां उफान पर हैं। एक साथ कई बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गोदावरी में इस सीजन की सबसे बड़ी बाढ़ आई।
नाशिक के गोदाघाट पर दुतोंड्या मारुति मूर्ति डूब गई, वहीं रामसेतु पुल भी पहली बार पानी में समा गया। जिले में बाढ़ और बारिश से 3 लोगों की मौत हुई, 32 पशु मारे गए और 147 घर ढह गए। किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
रविवार को मराठवाड़ा में भी बारिश का कहर जारी रहा। विभाग में 189 राजस्व मंडल अतिवृष्टि की चपेट में आए। जायकवाड़ी बांध के आपातकालीन द्वार खोलने से नदी किनारे के गांव और खेतों को खतरा पैदा हो गया। गोदावरी किनारे के लगभग 50 गांवों का संपर्क टूट गया और करीब 20 लाख हेक्टेयर फसल पानी में डूब गई।
यह भी पढ़ें- ‘I Love Muhammad’ की रंगोली को लेकर अहिल्यानगर में बवाल, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 30 लोग हिरासत में
परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी जिलाधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले की सभी यंत्रणाएं सही ढंग से काम कर रही हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को प्रत्यक्ष स्थल का दौरा करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी जगह तत्काल पंचनामे किए जाएं और नियम-कायदों का हवाला देकर नागरिकों को अनावश्यक परेशानी न दी जाए।