जलगांव महानगरपालिका (pic credit; social media)
Property Tax, Dues Recovery: जलगांव में टूटी सड़कों, गंदगी और कचरे से भरे नालों के बीच अब जलगांव महानगरपालिका ने अचानक बकाया घरपट्टी (प्रॉपर्टी टैक्स) की वसूली पर जोर देना शुरू कर दिया है। सोमबार से 28 हजार से अधिक बकायेदारों को नोटिस भेजकर कहा गया है कि पांच हजार रुपये या उससे अधिक का बकाया तुरंत जमा किया जाए। महापालिका क्षेत्र में कुल 85 हजार संपत्तियां दर्ज हैं, जिनमें से करीब 28 हजार लोगों पर बकाया राशि है।
जलगांव महानगरपालिका ने नोटिस में स्पष्ट किया है कि बकाया न जमा करने पर नल कनेक्शन बंद किया जाएगा और राशि जमा न होने पर संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
नगर निगम सूत्रों ने बताया कि दिवाली तक बकायेदारों को एक महीने का समय दिया गया है। इसके बाद दिवाली के बाद शहर में वसूली अभियान तेज कर दिया जाएगा। चारों प्रभागों में टीमें तैनात होंगी और बड़ी रकम वाले बकायेदारों से सख्ती से टैक्स वसूला जाएगा।
नगरवासियों का कहना है कि यदि महानगरपालिका ने समय पर वसूली की होती, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई होती और खर्च का सही हिसाब रखा होता, तो आज लोगों को धमकी भरी नोटिस झेलनी नहीं पड़ती। शहर की वित्तीय स्थिति और प्रशासनिक ढीलापन ही इस संकट का कारण हैं। नागरिकों ने सवाल उठाया है कि जब सेवा अधूरी है, तो वसूली पूरी क्यों? उन्होंने यह भी तंज कसा कि पहले पालिका अपने अफसरों से पूछे कि फिजूल खर्च कौन रोकेगा।
महानगरपालिका की कार्रवाई पर जनता मिश्रित प्रतिक्रिया दे रही है। नोटिस की धमकी के बावजूद लोग पालिका की ढिलाई और शहर में सड़कों, नालों, सफाई और जलापूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी पर कटाक्ष कर रहे हैं। उनका कहना है कि वसूली से पहले सेवा में सुधार और पारदर्शिता लाना जरूरी है।
यह कार्रवाई दर्शाती है कि प्रशासन आखिरकार जागा है, लेकिन जनता अब केवल नोटिस से नहीं डरने वाली है। सवाल अब हर गली में गूंज रहा है- जब सेवा अधूरी, तो वसूली पूरी क्यों?