नाशिक न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Nashik News In Hindi: तहसील में रविवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। लोग हैरान रह गए जब 19 वर्षीय युवक भाऊ लचके, जिसे ब्रेन डेड घोषित कर घर लाया गया था, अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान अचानक खांस पड़ा। परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने पुष्टि की कि युवक अभी जीवित है और उसे तत्काल वेंटिलेटर पर रख कर इलाज शुरू हुआ।
बताया जा रहा है कि भाऊ लचके चार दिन पहले एक बाइक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुआ था। सिर पर गहरी बोट लगने के बाद परिजन पहले उसे त्र्यंबकेश्वर ग्रामीण अस्पताल ले गए, वहां से उसे नासिक जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन बेड न होने की वजह से भर्ती से मना कर दिया गया। मजबूरी में गरीब आदिवासी परिवार ने उसे आडगांव स्थित डॉ वसंत पवार मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया।
परिजनों का दावा है कि करीब तीन दिन तक इलाज के बाद, अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बताया कि भाऊ ब्रेन डेड हो चुका है और चाहे तो उसे घर ले जाएं, परिवार ने इसे मृत्यु का संकेत समझ लिया और उसे लेकर गांव लौट आया। घर पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, तभी युवक को अचानक खांसी आ गई और उसके शरीर में हलचल होने लगी।
हड़बड़ी में परिजन उसे दोबारा जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि भाऊ लचके जीवित है। हालांकि उसकी हालत बेहद गंभीर है और दिमाग की चोटों के कारण फिलहाल सर्जरी संभव नहीं है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है और वैकल्पिक उपचार जारी है।
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इस घटना ने चिकित्सा व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने साफ किया कि मरीज ब्रेन डेड नहीं है और मामले की जांच की जाएगी कि आखिर डॉ वसंत पवार अस्पताल से उसे डिस्चार्ज किस आधार पर दिया गया। भाऊ लचके एक आदिवासी पाड़े से ताल्लुक रखता है, जहां न तो पर्याप्त शिक्षा है और न ही उचित स्वास्थ्य सुविधाएं, नासिक आकर इलाज कराने वाले इस परिवार को सही परामर्श न मिलने और संवादहीनता के कारण भारी भ्रम की स्थिति बनी। अगर युवक को अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान खांसी न आती, ती उसकी जीवित अवस्था में ही चिता सज जाती। फिलहाल भाऊ लचके की जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष जारी है। यह मामला न केवल एक चमत्कारिक बचाव के रूप में देखा जा रहा है, चल्कि ग्रामीण परिवारों को स्वास्थ्य संस्थानों में मिलने वाले मार्गदर्शन और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठाता है।