
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया )
Bala Nandgaonkar Hindi News : शिवसेना छोड़ने के बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में मुंबई के माझगांव निर्वाचन क्षेत्र से बाला नांदगांवकर ने छगन भुजबल को पराजित किया था। इसे भुजबल की पहली बड़ी राजनीतिक हार माना जाता है और इसी कारण नांदगांवकर जायंट किलर के रूप में प्रसिद्ध हुए।
इस हार के बाद भुजबल ने येवला से चुनाव लड़ा था। पहले शिवसेना में और अब मनसे में रहे बाला नांदगांवकर ने भुजबल से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की। इसी वजह से यह मुलाकात चर्चा का विषय बनी।
रविवार को मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने मुंबई में यह मुलाकात की। भुजबल का हाल ही में आपरेशन हुआ है, इसी कारण वे उनसे मिलने गए थे। इस दौरान नांदगांवकर ने उनके साथ पुरानी यादें ताजा कीं। उन्होंने कहा कि शिवसैनिक के रूप में काम करते समय भुजबल साहब हमारे वरिष्ठ नेता थे।
दोनों के बीच एक समान कड़ी ठाकरे परिवार है, यह भी उन्होंने बताया। इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए नांदगांवकर ने कहा कि ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने से भुजबल ने दिल से खुशी जताई।
भले ही बाद के समय में उनकी और मेरी राजनीतिक विचारधाराएं अलग रही हों, लेकिन एक वरिष्ठ नेता के रूप में उनके प्रति मन में हमेशा सम्मान रहा है। इस उम्र में भी उनका सबसे बड़ा गुण उनका जुझारू स्वभाव है। कई बार धारा के विपरीत जाकर संघर्ष करने वाले भुजबल साहब आज भी उतने ही संघर्षशील हैं।
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