नासिक चुनाव में महिला आरक्षण घोषित (pic credit; social media)
Nashik Election: नासिक जिले की स्थानीय राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। मालेगांव, कलवण, इगतपुरी और त्र्यंबकेश्वर तहसीलों की पंचायत समिति और जिला परिषद के आरक्षण की लॉटरी घोषित होते ही राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। इन चार तहसीलों के कुल 24 पंचायत समिति गणों (वार्डों) में से 16 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होने से स्थानीय राजनीति में अब ‘महिला राज’ तय माना जा रहा है।
आरक्षण की यह घोषणा उपजिलाधिकारी सीमा अहीरे, एसडीओ नितिन सदगीर, जीकेएस पवन दत्ता और संबंधित तहसीलदारों की उपस्थिति में की गई। लॉटरी का परिणाम आते ही कई पुरुष नेताओं के चेहरे उतर गए, जबकि महिला कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
मालेगांव तहसील में 16 गणों में से 8 सीटें महिलाओं के खाते में गई हैं। इनमें करंजगव्हाण (SC महिला), खाकुर्डी और वडेल (ST महिला), चंदनपुरी और टाकली (नामनिर्दिष्ट प्रवर्ग महिला) के साथ तीन सर्वसाधारण (महिला) सीटें भी शामिल हैं।
वहीं कलवण तालुका में बहुजन समाज को लगातार दूसरी बार झटका लगा है। आठ में से छह गण अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए आरक्षित हुए हैं। मानुर (सर्वसाधारण महिला) और निवाणे (सर्वसाधारण) ही अब सामान्य वर्ग के पास बची हुई सीटें हैं। इस फैसले से स्थानीय बहुजन समाज में नाराजगी और अन्याय की भावना पनप रही है।
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इगतपुरी तहसील में भी आरक्षण ने सबको चौंका दिया है। सभापति पद अब अनुसूचित जाति (SC) महिला के लिए आरक्षित किया गया है। यानी अगली सभापति एक महिला होंगी। इसके अलावा नांदगांव सदी (OBC महिला), मुंढेगांव (सर्वसाधारण महिला) और धामणमौव, खबाले (ST महिला) सीटें महिलाओं के नाम रही हैं।
त्र्यंबकेश्वर तहसील में तो महिला शक्ति का दबदबा और भी स्पष्ट है। छह गणों में से पांच सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं, जिनमें तीन महिला सीटें हैं। ठाणापाडा, देवगांव और हरसूत। केवल अंजनेरी गण सर्वसाधारण (खुले) वर्ग के लिए बचा है।
इन परिणामों ने साफ कर दिया है कि अब नाशिक की स्थानीय सत्ता में महिलाएं निर्णायक भूमिका निभाने जा रही हैं। कई पुराने पुरुष नेताओं की चुनावी रणनीतियाँ पूरी तरह बदलनी पड़ेंगी। स्थानीय राजनीति में अब नारा गूंज रहा है। अब पंचायत में बहनें बोलेंगी, सियासत में भी महिलाएं दौड़ेंगी।