उफान पर गोदावरी नदी (सौजन्य-नवभारत)
नासिक: नासिक में शनिवार सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण गंगापुर बांध से 3721 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके साथ ही आसपास के क्षेत्रों से भारी मात्रा में बारिश का पानी गोदावरी नदी में आ रहा है, जिससे नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 5 जुलाई रामतीर्थ (रामकुंड) में गोदावरी नदी के तट पर स्थित दुतोंड्या मारुति की मूर्ति कमर तक पानी में डूब गई है। इसके अलावा, चारों ओर जलमग्न स्थिति है।
यदि बारिश और तेज़ होती है, तो गंगापुर बांध से चरणबद्ध तरीके से और पानी छोड़ा जाएगा। गोदावरी का जलस्तर बढ़ गया है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गोदावरी नदी में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, मनपा के पंचवटी विभागीय अधिकारी मदन हरिश्चंद्र, सहायक अधीक्षक मंगेश वाघ, राष्ट्रीय फेरीवाला नीति विभाग के सहायक अधीक्षक राजेश सोनवणे, प्रकाश उखाडे, ईश्वर शेंडके, रवि शिंदे, और अग्निशमन दल के संजय कानडे आदि ने रामकुंड से तपोवन संगम बस्ती तक का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए हैं।
इस बीच, बांध से पानी छोड़ा जाए या न छोड़ा जाए, आसपास के छोटे-बड़े नालों से बड़ी मात्रा में पानी सीधे गोदावरी नदी में मिल रहा है, जिससे गोदावरी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। गंगा घाट पर स्थित दुतोंड्या मारुति की मूर्ति कल कमर तक पानी में पहुंच गई थी, और यहां का पातालेश्वर मंदिर आधा पानी में डूब गया है।
इसके अलावा, यहां के बाजार क्षेत्र में भी पानी घुसना शुरू हो गया है। इसलिए सब्जी विक्रेताओं और फल विक्रेताओं की दुकानों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। आगे भी बारिश का जोर जारी रहने की चेतावनी दी गई है। बारिश के कारण हर कोई अपनी-अपनी सुरक्षा का ध्यान रख रहा है, जिससे सड़कों और सभी रास्तों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
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वर्तमान में हो रही तेज बारिश के कारण गोदावरी नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है और दुतोंड्या मारुति की मूर्ति कमर तक पानी में पहुंच गई है। वर्तमान में हो रही तेज बारिश और भविष्य में तेज बारिश के कारण आने वाली बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नदी किनारे टेंट और झोपड़ियां लगाकर रहने वाली बस्तियों को हटाया जा रहा है।
इसके अलावा, छोटे-बड़े व्यवसायियों को भी स्थानांतरित किया जा रहा है और उन्हें सतर्कता बरतने के साथ-साथ आवश्यक निर्देश भी दिए जा रहे हैं। इसके लिए जिलाधिकारी कार्यालय के अंतर्गत जिला आपदा प्रबंधन कक्ष, मनपा आपदा प्रबंधन विभाग, अग्निशमन दल और पुलिस दल, तथा जिला प्रशासनिक विभाग द्वारा नदी के किनारों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।