नासिक: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में फूट के बाद स्थानीय केंद्रीय कार्यालयों पर पवार के दोनों गुटों के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने कब्जा कर लिया है। मंगलवार को इसका असर मुंबई नाका इलाके में स्थित एनसीपी कार्यालय इलाके में देखने को मिला। अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) के पदाधिकारियों ने सुबह से ही कार्यालय पर कब्जा कर लिया, वहीं शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) भी कार्यालय की ओर बढ़ गया और अपना दावा ठोक दिया। इससे एनसीपी भी शिवसेना की तरह हो गई है और दो गुटों के पतन के कारण कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में भी दो गुट हो गए हैं।
अजित पवार के समर्थन में शामिल हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अभिभावक मंत्री छगन भुजबल के समर्थक मंगलवार सुबह से ही एनसीपी भवन में जमा हो गए। पार्टी नेता दिलीप खैरे, रवींद्र पगारे, शहर अध्यक्ष रंजन ठाकरे, समता परिषद क्षेत्रीय महासचिव साधन जेजुरकर, युवा अध्यक्ष अंबादास खैरे, येगिता मानसर, प्रेरणा बालकावड़े, छात्र अध्यक्ष गौरव गोवर्धने समेत अन्य पदाधिकारियों ने कार्यालय में ही डेरा डाल दिया।
शरद पवार गुट के कार्यालय पर कब्ज़ा करने से पहले ही भुजबल के समर्थकों ने वहां घेराबंदी कर दी और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को बैरिकेड्स लगाने पड़े। इससे कार्यालय क्षेत्र छावनी जैसा नजारा हो गया। इसी तरह पुलिस ने इस इलाके में बैरिकेड लगाकर एहतियात बरता था। दोनों गुटों के कारण कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच संख्या भी बिखरी हुई है, इनमें से एक जिला अध्यक्ष कोंडाजी मामा आव्हाड को शरद पवार का समर्थन है और दूसरे जिला अध्यक्ष रवींद्र पगारे का अजीत पवार को समर्थन है, इससे ऐसी छवि बन गई है कि दो जिला अध्यक्ष तथा दो ग्रुप बन गए हैं।
[blockquote content=”छगन भुजबल के नाम पर आम राजनीति शुरू हो गई है। इसी नाम से राजनीति खत्म हो जाएगी, इसलिए भुजबल साहब मेरे सब कुछ हैं और वह मेरी पार्टी है,’ वे जहां भी जाएंगे, हम वहां होंगे। इस कार्य के लिए पूरे नासिक जिले और शहर के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। ” pic=”” name=”-अंबादास खैरे, शहर अध्यक्ष, राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस”]