नासिक भाजपा अध्यक्ष सुनील केदार (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: नासिक में आगामी मनपा चुनावों के मद्देनजर, भाजपा द्वारा घोषित नई कार्यकारिणी को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ गया है। विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के अंदर से भी आरोप लग रहे हैं कि इस नई कार्यकारिणी में मौजूदा और पूर्व विधायकों, प्रभावशाली नेताओं और पूर्व नगरसेवकों के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों को पद देकर ‘वंशवाद’ की परंपरा को जारी रखा गया है।
वहीं उन कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया है, जिन्होंने वास्तव में पार्टी के लिए काम किया है। इस आंतरिक कलह के कारण शहर अध्यक्ष सुनील केदार को नाराज कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश करनी पड़ रही है।
शहर अध्यक्ष सुनील केदार ने दावा किया है कि नई कार्यकारिणी में सामाजिक संतुलन बनाए रखते हुए सभी वर्गों को समावेशी प्रतिनिधित्व दिया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कार्यकारिणी पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। लेकिन नाराज कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस कार्यकारिणी में विधायक सीमा हिरे की बेटी, विधायक देवयानी फरांदे के देवर, वरिष्ठ नेता विजय साने के बेटे और पूर्व विधायक बालासाहेब सानप के भतीजे जैसे प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदारों को पद दिए गए हैं।
नई कार्यकारिणी की घोषणा के बाद पार्टी में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। जहां नए पदाधिकारियों में उत्साह है, वहीं पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं में पद न मिलने से नाराजगी है। कुछ कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कहा कि जिन्होंने वास्तव में पार्टी के लिए काम किया, उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया है। कुछ नाराज कार्यकर्ताओं ने इस्तीफे देने की तैयारी भी शुरू कर दी थी, जिसके बाद सुनील केदार को उन्हें शांत करने के लिए प्रयास करने पड़े। केदार ने नाराज कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि जिन्हें अभी पद नहीं मिला है, उन्हें प्रदेश और केंद्रीय संगठनात्मक पदों और सरकारी समितियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
चुनावों को ध्यान में रखते हुए, पार्टी ने लगभग 35 विभिन्न मोर्चों, सेल और प्रकोष्ठों पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि समाज के किसी भी वर्ग की अनदेखी न हो और सभी को संगठन में प्रतिनिधित्व मिले।