विधानभवन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Yavatmal District Cooperative Bank Corruption: सहकारिता मंत्री बाबासाहेब देशमुख ने घोषणा की है कि यवतमाल जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में किसी भी तरह की कोई अनियमितता या भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बैंक का एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) 53 प्रतिशत तक पहुंच जाने के कारण बैंक का लेखापरीक्षण (ऑडिट) 28 दिसंबर को किया जा रहा है।
मंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपों और कांग्रेस द्वारा की गई एसआईटी (SIT) जांच की मांग को भी खारिज कर दिया। कांग्रेस विधायक अनिल मंगरुलकर ने प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित किया। मंगरुलकर ने आरोप लगाया था कि बैंक में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, फिर भी निदेशक मंडल ने भर्ती प्रक्रिया को लागू किया। उन्होंने इसे लापरवाही नहीं बल्कि स्पष्ट भ्रष्टाचार का मामला बताया।
मंगरुलकर ने एसआईटी जांच की मांग के साथ-साथ 10 साल से अधिक समय से कार्यरत निदेशकों को हटाने की भी मांग की। एक अन्य कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भी बैंक के बढ़ते एनपीए का उल्लेख किया। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि निदेशक कुछ गुप्त खाते खोल रहे हैं और बैंक के अनुदान से लगभग 40 लाख रुपये की राशि निकालकर अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर रहे हैं। उन्होंने भी एसआईटी जांच कराने और किसी तीसरे पक्ष से लेखापरीक्षा कराने की मांग की थी।
यह भी पढ़ें – Winter Session: नागपुर स्कूल वैन हादसे में RTO निलंबित, परिवहन मंत्री सरनाईक की घोषणा, मानी गलती
सहकारिता मंत्री ने स्पष्ट किया कि बैंक को पद भर्ती की अनुमति नाबार्ड के मानदंडों के अनुसार दी जा रही है। उन्होंने बताया कि आवश्यक आठ मानदंडों में से केवल एक मानदंड अधूरा है। बैंक के प्रबंधन, कर्मचारी वर्ग, लेखा वर्ग और संचित राजस्व को देखते हुए, 167 रिक्त पदों में से 133 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस भर्ती को फर्जी (bogus) नहीं कहा जा सकता।