मंत्री के निर्देशों पर रोकी भर्ती प्रक्रिया (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: यवतमाल डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में मंत्री के निर्देशों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया रोके जाने को चुनौती देते हुए बैंक की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर और न्यायाधीश रजनीश व्यास ने ने वाईडीसीसी बैंक लिमिटेड और एक अन्य याचिकाकर्ता को उनकी चल रही भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दे दी है।
किंतु कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया है कि याचिका का अंतिम निर्णय आने तक बैंक किसी भी उम्मीदवार को नियुक्ति आदेश जारी नहीं करेगा।याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे अधि। ए।एम। घारे ने कोर्ट को बताया कि बिना किसी तार्किंक कारण के राज्य सरकार ने भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया था।
उन्होंने तर्क दिया कि मंत्री के पास भर्ती प्रक्रिया को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। अधि। घारे ने 8 अक्टूबर 2025 को सहकारिता, विपणन और वस्त्र विभाग के अतिरिक्त सचिव द्वारा जारी एक पत्र की ओर भी कोर्ट का ध्यानाकर्षित किया। उनके अनुसार उस पत्राचार में भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए मंत्री के निर्देशों के अलावा कोई कारण नहीं बताया गया था। याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि वे पहले ही विज्ञापन जारी कर चुके हैं और भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि सैंकडों परीक्षार्थी परीक्षा की राह देख रहे है। जबकि उन्हें प्रवेश पत्र भी जारी किया जा चूका है। इसी माह के अंतिम सप्ताह में परीक्षा होने जा रही है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाना तर्कसंगत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलों के बाद कोर्ट ने यह माना कि बिना कोई कारण बताए याचिकाकर्ताओं द्वारा शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को रोका गया था।
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से यह बयान दिया गया कि यदि उन्हें भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी जाती है, तो वे रिट याचिका के निर्णय आने तक कोई भी नियुक्ति आदेश जारी नहीं करेंगे। न्यायालय ने इस बयान को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन उन्हें अगले आदेश तक कोई नियुक्ति आदेश जारी नहीं करने का निर्देश दिया।