कूलर की हवा में रहेंगे वन्यजीव। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: नागपुर का तापमान 41 के पार पहुंच गया है। इतनी धूम में मनुष्यों समेत जानवरों को भी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। पालतू जानवर और सिटी की सड़कों पर घूमते आवारा जानवरों को छांव में आसरा मिल जाता है। जंगल में मौजूद वन्यजीव अपनी गुफा में छिपकर धूप से बच जाते हैं। लेकिन प्राणी संग्रहालय के जानवरों के लिए यह संभव नहीं हो पाता।
छोटे से पिंजरे में बंद होने के कारण जानवरों को धूप से बचने के लिए ज्यादा बड़ा क्षेत्र नहीं मिलता। लिहाजा जानवरों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा है। इसके मद्देनजर महाराजबाग प्राणी संग्रहालय में वन्यजीवों के लिए व्यवस्था कर दी गई है। हर जानवर के पिंजरे पर कूलर लगाए गए हैं। इससे वन्यजीवों को भीषण गर्मी में ठंडी हवा मिलती है। साथ ही प्राणी संग्रहालय में मौजूद अनेक पक्षियों के लिए भी व्यवस्था की गई है।
सिटी में मौजूद गोरेवाड़ा और महाराजबाग प्राणी संग्रहालय देशभर में फेमस हो गए हैं। दोनों प्राणी संग्रहालय में विविध प्रकार के वन्यजीव मौजूद हैं। हालांकि, गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय कई हेक्टेयर में फैला है, लेकिन महाराजबाग जू में जानवरों की संख्या अधिक है। महाराजबाग में बाघ, तेंदुए, भालू, मगरमच्छ, हिरण, बंदर, पक्षियों समेत कई वन्यजीव मौजूद हैं। भीषण गर्मी में वन्यजीवों को राहत दिलाने के लिए पिंजरों के सामने कूलर की व्यवस्था की गई है।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
खानपान में बदलाव के मद्देनजर बड़े जानवरों समेत छोटे जानवरों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके तहत प्राणी संग्रहालय में मौजूद बंदरों की डाइट में बदलाव किया गया है। बंदरों को तरबूज और पपीते परोसे जा रहे हैं। यह फल बंदरों को गर्मी से जूझने में मददगार साबित होंगे।
भीषण गर्मी की शुरुआत के साथ ही वन्यजीवों के खान-पान व रहन-सहन में बदलाव किया गया है। कूलर की व्यवस्था के साथ ही विविध जंगली जानवरों के लिए अलग-अलग डाइट का इंतजाम की सूचना प्राप्त हुई है। महाराजबाग में भालू के लिए फलों से बनी आइसक्रीम बनाई जा रही है। पानी में फ्रूट के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर इसे जमाया जाएगा, फिर इसे भालू के पिंजरे में परोसा जाएगा। इससे भालू को गर्मी से राहत मिलेगी। इसके अलावा विटामिन के पाउडर भी देना शुरू किया गया है।