नागपुर. जी20, मेट्रो प्रकल्प और अन्य प्रकल्पों पर मनपा ने करोड़ों रुपए खर्च किए लेकिन डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर सांस्कृतिक भवन के रखरखाव के लिए उसके पास निधि नहीं है. यही कारण है कि रखरखाव के अभाव में सांस्कृतिक भवन की हालत खराब हो गई. 145 दिनों से लगातार चले आ रहे सांस्कृतिक भवन बचाव कृति समिति के आंदोलन को समर्थन देने के लिए विधायक जीतेन्द्र आव्हाड़ मंगलवार को आंदोलन स्थल पहुंचे. सरकार और मनपा की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में इस तरह से सनातनी व्यवस्था बोलकर नहीं बल्कि कृति से व्यक्त हो रही है लेकिन जनता सजग है. देर-सवेर इसका खामियाजा सत्तापक्ष को भुगतना पड़ेगा. आंदोलनकारियों की लड़ाई में जीत होने का विश्वास भी उन्होंने जताया.
आव्हाड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल 1.50 करोड़ रुपए में 44 एकड़ जमीन बिल्डर की झोली में डाल दी. जिस शहर को डॉ. बाबासाहब के कारण पहचाना जाता है, उसी शहर में उनके स्मारक को बुलडोजर से ध्वस्त किया जा रहा है. यह सत्तापक्ष के लिए शर्म की बात है. सरकार से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि क्या इस तरह से महाराष्ट्र में डॉ. आम्बेडकर की स्मृतियों को मिटाया जा रहा है? सत्तापक्ष केवल वोटों के लिए डॉ. आम्बेडकर का नाम लेता है. डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर के विचार, स्मृति, अस्तित्व मिटाना किसी के लिए भी संभव नहीं होने तथा किसी में इतनी शक्ति भी नहीं होने का निशाना भी साधा.
उन्होंने आंदोलन को पूरा समर्थन करते हुए कहा कि पूरे राज्य में आंदोलन के साथ खड़े रहेंगे. किशोर गजभिए, डॉ. धनराज डहाट, सरोज आगलावे, प्रबोध उके, बालू घरडे, सुधीर वासे, उषा बौद्ध, राजेश गजघाटे, राहुल परूडकर आदि उपस्थित थे.