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मूलभूत अधिकारों का हो रहा उल्लंघन, हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी

  • By navabharat
Updated On: Oct 08, 2021 | 02:37 AM

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नागपुर. जरीपटका निवासी नितिन लालवानी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के अनुसार भले ही जिंजर मॉल के सामने के हॉकर्स जोन को खाली कराया गया हो लेकिन अब पीड़ित हॉकर्स की ओर से न्याय के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से रखी गई दलीलों के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने सरकार की कार्यप्रणाली के कारण सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार गरीब हॉकर्स और स्ट्रीट वेंडर्स के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन होने की नाराजगी जताई. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. मो. अतिक और मनपा की ओर से अधि. जैमिनी कासट ने पैरवी की. अदालत ने राज्य सरकार और मनपा को नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर तक जवाब दायर करने के आदेश भी दिए. 

टाउन वेंडिंग कमेटी पर निर्णय ले सरकार

सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. जैमिनी कासट ने कहा कि ऐसे मामलों में जब तक स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट-2014 की धारा 22 के अनुसार टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन और राज्य सरकार की ओर से मान्यता नहीं दी जाती तब तक कुछ भी नहीं किया जा सकता है. महाराष्ट्र स्ट्रीट वेंडर्स रूल्स 2016 की धारा 16(3) के अनुसार टाउन वेंडिंग कमेटी के गठन और उसे मान्यता देने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है लेकिन अब तक इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है.

अत: इस संदर्भ में राज्य सरकार को उचित आदेश जारी करना जरूरी है जिससे हॉकर्स से संबंधित सभी समस्याएं हल हो सकेंगी. इस पर अदालत का मानना था कि जनवरी 2021 को प्रस्ताव भेजा गया था. इसके बावजूद अब तक निर्णय क्यों नहीं किया गया, यह समझ से परे है. जबकि कानून के अनुसार अब तक निर्णय हो जाना चाहिए था.

फरवरी 2017 में लागू होनी थी योजना

-सुनवाई के बाद अदालत का मानना था कि जब तक टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन नहीं किया जाता है तब तक राज्य सरकार या स्थानीय निकाय संस्था के लिए कानून लागू करना संभव ही नहीं है. 

-यहां तक कि कानून बनाने के तुरंत बाद इसे लागू करना जरूरी है. अधिक से अधिक 6 माह के भीतर इसे लागू करना है. कानून बनने के बाद राज्य सरकार ने वर्ष 2016 में इसके नियम निर्धारित किए. 

-3 अगस्त 2016 को अधिसूचना जारी की गई जिसके अनुसार राज्य सरकार की ओर से टाउन वेंडिंग कमेटी का गठन और योजना 2 फरवरी 2017 तक लागू हो जानी चाहिए थी किंतु अब तक योजना लागू नहीं की गई है.

Violation of fundamental rights high court expressed displeasure

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Published On: Oct 08, 2021 | 02:37 AM

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