चंद्रशेखर बावनकुले (सोर्स: सोशल मीडिया)
Minister Chandrashekhar Bawankule On SC Decision on Jhudpi Forest: विदर्भ के विकास में सबसे बड़ी बाधा बने झुड़पी जंगल विवाद को सर्वोच्च न्यायालय ने दूर कर दिया है। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद नागपुर समेत विदर्भ के हजारों गरीब नागरिकों को अब मालिकाना हक के पट्टे मिलने का रास्ता साफ होने का विश्वास पालक मंत्री एवं राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जताया। उन्होंने कहा कि आज का दिन विदर्भ के गरीब नागरिकों के लिए ऐतिहासिक है। 45 सालों से चल रहे प्रयास आखिरकार सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की विकास दृष्टि और हमारी सामूहिक मेहनत को न्यायालय की मुहर मिली है। अब विदर्भ में विकास और रोजगार की नई संभावनाएं खुलेंगी।
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 22 मई, 2025 के आदेश में संशोधन कर स्पष्ट किया है कि 3 हेक्टेयर से कम क्षेत्र के टुकड़े संरक्षित वन की श्रेणी से हटाकर अन्य प्रयोजनों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इसके लिए वनाधिकार कानून, 2006 (धारा 3(2)) की प्रक्रिया अपनानी होगी।
12 दिसंबर, 1996 से पहले की खेती, कच्चे-पक्के मकान, झोपड़पट्टियां, शासकीय कॉलोनियां, शासकीय व निजी स्कूल तथा अन्य सार्वजनिक उपयोग की अतिक्रमण भूमि को नियमों के अनुसार वैध किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें:- पढ़ाने के अवाला सरकारी शिक्षक करेंगे ये भी काम, महाराष्ट्र में नए मासिक टाइमटेबल पर बवाल
कुल 10,827 हेक्टेयर झुड़पी जंगल क्षेत्र पर अतिक्रमण है जिसमें से 10,365 हेक्टेयर क्षेत्र को नियमबद्ध किया जा सकेगा जबकि 1996 के बाद के अतिक्रमण को नियमित करने के लिए न्यायालय द्वारा तय कार्यप्रणाली अपनानी होगी।
मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि इस फैसले से नागपुर सहित विदर्भ के हजारों गरीब परिवारों को राहत मिलेगी। अब उन्हें अपनी जमीन और मकानों पर वैध मालिकाना हक मिलेगा। इससे न सिर्फ उनका भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि उन्हें बैंक से कर्ज, सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का भी लाभ आसानी से मिल सकेगा।