ट्रेन में किन्नर की गुंडागर्दी (सौजन्य-नवभारत)
नागपुर: इन दिनों ट्रेनों में किन्नरों का आतंक जोरों पर है। यात्रियों को चलती ट्रेन में हथियार दिखाकर जबरिया वसूली करना अब आम बात हो गई है। कई बार ट्रेन में यात्रियों को किन्नरों से विवाद के चलते अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। किन्नरों के आतंक से डरे-सहमे यात्रियों के सामने एकमात्र विकल्प अपनी जेब ढीली करना ही होता है। यदि इन्हें रुपए नहीं दिए तो ये बदतमीजी करने के साथ हाथापायी तक पर उतर आते हैं।
दूरदराज से सफर करने वाले यात्री विरोध करने की बजाय किन्नरों की दबंगई के कारण चुपचाप जेब ढीली करने को विवश हो जाते हैं। रेल प्रशासन की अनदेखी के चलते नागपुर रेलवे क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि होती जा रही है।
गुरुवार को भी ऐसा ही एक मामला सामने आया जब ट्रेन क्रमांक 12722 दक्षिण एक्सप्रेस में नागपुर रेलवे स्टेशन के आउटर से एक किन्नर नुकीला हथियार हाथ में लेकर इंजन के पीछे लगे जनरल डिब्बों में चढ़ गया। उसने हथियार दिखाकर यात्रियों से कम से कम 50 रुपए की मांग की। नहीं देने वालों को ‘कील घुसाने’ की धमकी भी दी।
बात शाम 5 बजे की है। हजरत निजामुद्दीन से हैदराबाद जा रही दक्षिण एक्सप्रेस नागपुर स्टेशन के आउटर पर पहुंची और सिग्नल न मिलने से रुक गई। जैसे ही ट्रेन रुकी इंजन की ओर लगे जनरल डिब्बे में टी-शर्ट और लोअर पहनी एक सुंदर सी लड़की (जो किन्नर था) ने अपने पास से नुकीली कील जैसा हथियार निकाला और यात्रियों को धमकाने लगी- ‘फटाफट 50 का निकालों नहीं तो कील घुसा दूंगी। 50 के चक्कर में 5 करोड़ का नुकसान हो जाएगा। जो नहीं देगा उसकी खैर नहीं।’
इस तरह के शब्द सुनकर पूरे कोच में एकदम से अफरातफरी का माहौल हो गया। डरे-सहमे यात्रियों की जेब ढीली होने लगी। किसी की जेब से 100 का नोट निकला तो वह भी रख लिया। 50, 20 और 10 फटाफट रखकर किन्नर आगे बढ़ गया। जो यात्री न-नुकुर करता उसे बार-बार कील दिखाकर धमकी देकर गंदी-गंदी गालियां देता। करीब 7-8 मिनट तक चली इस गुंडागर्दी के दौरान इस किन्नर ने हजारों रुपए जमा कर लिए। इसके बाद वह दूसरे डिब्बे में गया यहां भी उसने यात्रियों को धमकाकर खुलेआम अवैध वसूली की।
अवैध वसूली करने ट्रेन में घुसी इस किन्नर रूपी लड़की के निशाने पर वे यात्री थे जो नागपुर स्टेशन पर न उतरते हुए लंबे सफर पर थे और सीट पर बैठे हुए थे। इनमें भी खासकर युवा यात्रियों से वसूली ज्यादा हो रही थी। जिन यात्रियों को उतरना था वे खड़े होकर स्टेशन पर ट्रेन लगने का इंतजार कर रहे थे। नागपुर के यात्रियों को इसलिए परेशान नहीं किया ताकि आगे कोई विवाद खड़ा न हो जाए।
सेंट्रल रेलवे की ट्रेनों में दूसरी समस्या अवैध वेंडरों की भी है। चाहे नागपुर से चलने वाली ट्रेन हो या नागपुर स्टेशन पहुंचने वाली ट्रेनें खासकर उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों में अवैध वेंडरों की भरमार दिखाई देती है। संघमित्रा एक्सप्रेस, दक्षिण एक्सप्रेस, जीटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में कभी घड़ी-पर्स बेचने के नाम पर कोई अपना धंधा करने आता है तो कभी समोसे, केले और संतरे बेचने के नाम पर कुछ वेंडर अवैध गुटखा-पाउच लेकर महंगे दामों पर बेचते आसानी से देखे जा सकते हैं।
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इनमें महिलाएं भी शामिल होती हैं। भीड़ होने के बावजूद यात्रियों की परवाह किए बिना यह अवैध वेंडर बिना डर के मोटी कमाई करते हैं। चाहे किन्नर हों या अवैध वेंडर, इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि ये लोग स्लिपर कोच (एसएल) को भी नहीं बख्शते। इनकी इस तरह खुलेआम वसूली और धंधा बिना किसी मिलीभगत के नहीं हो सकता। इटारसी से लेकर वर्धा, बडनेरा और इधर बल्लारशाह तक ट्रेनों में यह गोरख-धंधा खूब फलफूल रहा है।
ट्रेन में चल रही इस अवैध वसूली व गुंडागर्दी रोकने के लिए रेल प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता। शाम 5 बजे आउटर पर जब यह सबकुछ चल रहा था तब ट्रेन के डिब्बों में यात्रियों की मदद के लिए जीआरपी-आरपीएफ का कोई जवान मौके पर नहीं था। नागपुर के 3 नंबर प्लेटफॉर्म पर जब करीब 5.20 बजे ट्रेन स्टेशन पर पहुंची तब भी कोई जवान आसपास भी नहीं दिखा।