भीषण गर्मी में बाघिन के शावकों की जलक्रीड़ा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: राज्य में बेशक बेमौसम बारिश दस्तक दे रही हो, लेकिन वातावरण में गर्मी और उमस अभी भी कम नहीं हुई है। अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर दर्ज हुई है, लेकिन चुभती गर्मी ने आम आदमी को परेशान कर रखा है। ऐसे में जंगलों में रहने वाले जानवरों की हालत भी कुछ अलग नहीं है।
जहां इंसान एसी या कूलर का सहारा लेकर राहत पा सकता है, वहीं वन्यजीवों के पास केवल एक ही उपाय है, पानी में डुबकी लगाना। यही वजह है कि गर्मियों में जंगल के जलस्रोतों पर जानवरों की भीड़ आम बात है।
लेकिन यह भी उतना ही सच है कि अगर किसी जलस्रोत पर बाघ ने डेरा जमा लिया, तो बाकी जानवर वहां झांकने तक की हिम्मत नहीं करते। ऐसा ही नज़ारा उमरेड-कर्हांडला अभयारण्य में देखने को मिला, जहां ‘एफ-2’ नामक एक बाघिन ने अपने पांच शावकों के साथ जलाशय को जैसे अपना बना लिया। इस परिवार की जलक्रीड़ा का सुंदर वीडियो नागपुर की वन्यजीव प्रेमी और फोटोग्राफर श्वेता अंबादे ने कैमरे में कैद किया है।
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यह वही अभयारण्य है जिसे प्रसिद्ध बाघ ‘जय’ ने लोकप्रिय बनाया था। नवेगांव-नागझिरा टाइगर प्रोजेक्ट से डेढ़ साल की उम्र में यह बाघ यहां स्थानांतरित हुआ था और सिंचाई प्रोजेक्ट या हाइवे पर अक्सर नजर आता था। लेकिन उसके अचानक गायब होने (यानी मृत्यु) के बाद पर्यटकों ने अभयारण्य से मुंह मोड़ लिया। बाद में ‘चांदी’ और फिर ‘फेयरी’ नामक बाघिनों ने इस जगह को फिर से संजीवनी दी। खासकर ‘फेयरी’ और उसके पांच शावकों ने इस अभयारण्य को दोबारा चर्चा में ला दिया।
अब उन्हीं में से एक शावक ‘एफ-2’ बड़ी होकर खुद मां बनी है और उसके 5 शावकों ने जंगल में नई हलचल मचा दी है। गर्मी के इस मौसम में जब तपिश से जानवर बेहाल हैं, ‘एफ-2’ अपने बच्चों को लेकर जलाशय में उतरी। सबने मिलकर पानी में मस्ती की। थोड़ी देर बाद जब बाघिन बाहर निकलने लगी और बच्चों को भी बुलाया, तो नटखट शावक बाहर आने को तैयार ही नहीं थे! पानी में खेलने का मोह वो छोड़ ही नहीं पा रहे थे।