मिहान पहुंचे चेयरमैन (सौजन्य-नवभारत)
TATA Group Visited MIHAN: टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन ने नागपुर स्थित सोलर डिफेंस एंड एयरोस्पेस लिमिटेड (एसडीएएल) का दौरा किया। यह एक परिचयात्मक दौरा था जिसका उद्देश्य एसडीएएल में मिसाइलों, गोला-बारूद और यूएएस के निर्माण और परीक्षण के क्षेत्र में कार्यरत कंपनी की क्षमताओं को देखना था। इस बीच उन्होंने समूह की 2 महत्वपूर्ण इकाई टीसीएस और टाल का दौरा भी किया।
समूह के अधिकारियों ने मिहान में बड़े ‘सपने’ साकार करने की सलाह भी दी। उम्मीद की जा सकती है कि टाटा मिहान में इन सपनों को साकार करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ने जा रहा है। सोलर प्लांट के दौरे के दौरान उन्हें पिनाक रॉकेट एकीकरण सुविधा, यूएवी कम्पोजिट निर्माण सुविधा, विस्फोटक प्रसंस्करण सुविधाएं और एमएएलई श्रेणी के यूएएस परीक्षण के लिए रनवे दिखाया गया।
उन्होंने हथियारबंद ड्रोन, लोइटर म्यूनिशन टेस्ट रेंज और भार्गवास्त्र काउंटर ड्रोन सिस्टम जो मेक 2 के तहत विकसित की जा रही एक अत्याधुनिक प्रणाली है, को भी देखा। उच्च प्रदर्शन विस्फोटक एसईबीईएक्स का लाइव प्रदर्शन परीक्षण भी किया गया। उन्होंने रॉकेट, ग्रेनेड, माइंस, एयर-बम, चैफ और फ्लेयर्स और अन्य गोला-बारूद के विकास और निर्माण में शामिल इंजीनियरों और वैज्ञानिकों से बातचीत की।
सोलर डिफेंस का दौरा (सौजन्य-नवभारत)
गोला-बारूद और रक्षा प्रणालियों में देश को आत्मनिर्भर बनाने में सौर ऊर्जा की भूमिका की सराहना करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि आज रक्षा दुनिया में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उनका मानना था कि कोई भी अकेला खिलाड़ी इतनी बड़ी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण लाभदायक होगा।
इस बीच कलेक्टर विपिन इटनकर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि चंद्रशेखरन ‘स्टडी टूर’ के हिसाब से नागपुर आए थे। उन्होंने मिहान स्थित टीसीएस और टीएएल का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी प्रकार के निवेश के संबंध में कोई बातचीत नहीं हुई है।
यह भी पढ़ें – Monsoon Alert: मराठवाड़ा-मध्य महाराष्ट्र और कोंकण में तूफानी बारिश ने ली 4 की जान, उड़ाने हुई रद्द
यह जरूर है कि उन्होंने काफी पहले टाल की बगल में 30 एकड़ जमीन की मांग की थी जो उन्हें पिछले दिनों उपलब्ध करा दी गई है। यह जमीन अब टाल की हो गई है। जानकारों का कहना है कि टाल के विस्तार को लेकर भी टाटा समूह गंभीर है। संभव है यहां पर टाटा की ओर से कोई बड़ा निवेश किया जाए। हालांकि इस संबंध में कंपनी की ओर से कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है।