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ओबीसी आरक्षण पर Supreme Court की नाराजगी, अटक सकते हैं स्थानीय निकाय चुनाव

OBC Reservation 50% सीमा पार होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। 25 नवंबर के फैसले पर नगर पंचायत और नगर परिषद चुनावों का भविष्य निर्भर है। चुनावों के टलने की संभावना जतायी जा रही है।

  • By अपूर्वा नायक
Updated On: Nov 25, 2025 | 09:13 AM

सुप्रीम कोर्ट (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Maharashtra Local Body Election: स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक हो जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है और चुनाव प्रक्रिया को रोकने तक की चेतावनी दी है।

ऐसे में मंगलवार, 25 नवंबर को इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट क्या निर्णय देता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। यदि न्यायालय 50 प्रतिशत की सीमा में चुनाव कराने का आदेश देता है तो ओबीसी आरक्षण पर सीधा असर पड़ सकता है और चुनावों के टलने की भी आशंका है।

इसका सीधा प्रभाव नगर पंचायत और नगर परिषदों के चुनावों पर पड़ेगा। ओवीसी आरक्षण का विवाद और 50% की सीमा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के चलते पिछले करीब साढ़े तीन से चार वर्षों तक स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव नहीं हो पाए थे।

राज्य सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने मान्य करते हुए ओबीसी आरक्षण को तो बरकरार रखा लेकिन साथ ही यह भी आदेश दिया था कि चुनावों में कुल आरक्षण की सीमा किसी भी स्थिति में 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं जानी चाहिए।

EC के रुख पर निर्भर

वर्तमान में चुनाव आयोग द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए सीटें निर्धारित करने हेतु दिए गए फॉर्मूले के कारण कई जिलों में कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा को पार कर गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तीव्र नापसंदगी व्यक्त की है और 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण होने पर चुनाव रोकने की चेतावनी दी है। बताया जा रहा है कि न्यायालय का निर्णय राज्य चुनाव आयोग द्वारा स्पष्ट 5 किए गए रुख पर भी निर्भर करेगा।

तो अप्रैल-मई तक टल सकते हैं चुनाव

यदि सुप्रीम कोर्ट उन स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की चुनाव। प्रक्रिया को नहीं सिरे से लागू करने का आदेश देता है, जहां आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है तो नगर पंचायत और नगर परिषदों के चुनावों पर सीधा असर पड़ेगा।

नई प्रक्रिया को लागू करने में कम से कम एक महीने का समय लग सकता है। इंस दौरान ओबीसी की सीटों को खुले वर्ग में बदलना होगा और फिर से महिला आरक्षण निश्चित करना होगा। इसमें 30 से 15 दिन का अतिरिक्त समय लगने की संभावना है।

ये भी पढ़ें :- त्र्यंबकेश्वर में Fadnavis का बयान: विकास का विजन लेकर आया हूं, आलोचना करने नहीं

यदि यह स्थिति उत्पन्न होती है तो जिला परिषद और महानगरपालिका के चुनावों को भी आगे बढ़ाना पड़ेगा, आमतौर पर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान चुनाव नहीं कराए जाते हैं। ऐसे में कुछ स्थानीय निकायों के चुनाव अप्रैल या मई माह में होने की संभावना है।

Supreme court expresses displeasure over obc reservation crossing 50 percent

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Published On: Nov 25, 2025 | 09:13 AM

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