प्रतीकात्मक तस्वीर
नागपुर. दिल्ली निवासी व्यापारी के साथ तस्करी की सुपारी के बकाया लेन-देन को लेकर हुई मारपीट के मामले में सिटी के सुपारी तस्कर वसीम बावला (30) को गुरुवार रात गिरफ्तार किया गया। उसके एक अन्य साथी अब्दुल सैजी अहमद (31) को भी अरेस्ट किया। शुक्रवार को बावला को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 2 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। जानकारी के अनुसार, दिल्ली निवासी रंजीत कमलाकर पुंडलिया (27) के वसीम पर पिछले 3 वर्षों से करीब 6.40 करोड़ रुपये बकाया थे। उसने उधार में वसीम को सुपारी बेची थी। यही रकम लेने के लिए नागपुर आया था।
इसी दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी (ईडी) द्वारा धन शोधन के एक मामले में बावला को गिरफ्तार करके मुंबई जेल भेज दिया। करीब डेढ़ वर्ष बाद उसे जमानत मिली। रिहा होने के बाद से ही रंजीत रुपए के लिए बावला को लगातार फोन कर रहा था। पहले कोरोना और फिर जेल के कारण बावला की सुपारी तस्करी का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ था। उसने रंजीत से कुछ समय मांगा। अपनी यही रकम लेने के लिए रंजीत अपने साथियों के साथ मारवाड़ी चौक पहुंचा था। बावला ने एक होटल में इस संबंध में एक मीटिंग रखी थी। मीटिंग के दौरान बावला किसी बात पर आगबबूला हो गया। उसने रंजीत को थप्पड़ मार दिया। बावला के बाकी साथियों ने रंजीत की पिटाई शुरू कर दी। जैसे-तैसे रंजीत और उसके साथियों ने वहां से भागकर खुद की जान बचाई। यह घटना होटल के सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई।
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सूत्रों के अनुसार, जैसे ही शहर के अन्य सुपारी सुपारी व्यापारियों को घटना का पता चला तो दोनों पक्षों में सुलह की कोशिशें शुरू हो गईं। लेकिन रंजीत अपनी रकम लेने पर अड़ा रहा। बात न बनने पर उसने अपने साथ हुई मारपीट की शिकायत पुलिस में कर दी। लकड़गंज पुलिस ने तुरंत एक टीम घटनास्थल स्थित होटल में भेजी और सीसीटीवी कैमरों की जांच में शिकायत सही साबित हुई। पुलिस ने तुरंत वसीम बावला को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उसके साथी साजिद को भी पुलिस को अरेस्ट किया गया।
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शुक्रवार को पेशी के दौरान बचाव पक्ष की ओर से एड। प्रकाश जायस्वाल ने कोर्ट को बताया कि बावला और रंजीत के बीच हुई मारपीट को आपसी लेन-देन का मामला बताकर पीसीआर का विरोध किया। हालांकि, बचाव पक्ष की ओर से एड। सुमित बोदलकर ने दलील दी बावला आदतन अपराधी है। वह शहर ही नहीं, पूरे देश में सुपारी तस्करी का सिंडीकेट चलाता है। उस पर कई संगीन मामले भी दर्ज हैं। ईडी मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिलते ही वह दोबारा अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोई ने बावला और उसके साथी साजिद को 2 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।