बोगस शिक्षक गिरफ्तार (कंसेप्ट फोटो)
Nagpur Crime News: बोगस शालार्थ आईडी के जरिए फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के प्रकरण में विशेष जांच दल (SIT) ने 2 शिक्षण अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों नागपुर सेंट्रल जेल में हैं। इस मामले में पुलिस ने 3 बोगस शिक्षकों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों की संख्या 17 हो गई है।
गुरुवार को गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शाहूनगर, मानेवाड़ा निवासी सतीश विजय पवार (34), सूर्योदयनगर, मानेवाड़ा-बेसा रोड निवासी प्रज्ञा विरेंद्र मुले (38) और सर्वश्रीनगर, दिघोरी निवासी भूमिका सोपान नखाते (39) का समावेश है। सतीश पवार मूलत: यवतमाल के दिग्रस का रहने वाला है। सतीश और प्रज्ञा मुले मानेवाड़ा के हरीनगर में स्थित विद्याभूषण उच्च प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षक पद पर कार्यरत हैं जबकि भूमिका नखाते बोरगांव स्थित आदर्श प्राथमिक शाला में सहायक शिक्षिका हैं।
पुलिस इसके पूर्व विद्याभूषण स्कूल के मुख्याध्यापक हेमंत राठोड़ को गिरफ्तार कर चुकी है। राठोड़ की मदद और शिक्षण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही सतीश और प्रज्ञा को नियुक्ति मिली थी। जांच के दौरान भूमिका की भी बोगस नियुक्ति का पता चला। इसीलिए गुरुवार को पुलिस ने तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया। जांच में पता चला कि तीनों ने बोगस शालार्थ आईडी के जरिए नियुक्ति पायी।
सतीश अगस्त 2023 से जबकि भूमिका और प्रज्ञा जून 2024 से सरकार के खजाने से नियमित वेतन ले रहे थे। तीनों को अब तक 25 लाख रुपये से ज्यादा की राशि तनख्वाह के तौर पर मिल चुकी है। तीनों का बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को पुलिस तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस हिरासत की मांग करेगी। जांच दल ने एक और शिक्षक को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन उसके पास पाए गए दस्तावेज वैध दिखाई दिए।
बुधवार को पुलिस ने शिक्षण अधिकारी सिद्धेश्वर कालुसे और रोहिणी कुंभार को गिरफ्तार किया था। दोनों जेल की हवा खा रहे हैं। कस्टडी नहीं मिलने के कारण पुलिस शनिवार को रिवीजन याचिका दायर कर कस्टडी की मांग कर सकती है। दोनों ने 398 फर्जी शिक्षकों का नियमित वेतन करवाकर सरकार को 100 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है।
यह भी पढ़ें – MNS: प्रन्यास अधिकारी पर मनसे ने पोती कालिख, भ्रष्टाचार के लगाए कई आरोप
डीसीपी नित्यानंद झा ने बताया कि शालार्थ आईडी का मामला राज्य भर में फैला हुआ है। नागपुर के अलावा जलगांव में भी एफआईआर हुई है। स्थानीय पुलिस इसकी जांच कर रही है। पूरे महाराष्ट्र में इस तरह की नियुक्ति होने की जानकारी सामने आई है। इसीलिए डीजी कार्यालय के जरिए सभी शहरों के पुलिस आयुक्तों और जिले के अधीक्षकों से प्रकरण से संबंधित शिकायतों के बारे में जानकारी मांगी गई।
कालुसे और कुंभार द्वारा 398 शिक्षकों को वेतन जारी होने की पुष्टि हुई। उन सभी शिक्षकों से पुलिस पूछताछ करेगी। जिस शहर या जिले में मामला दर्ज होगा वहीं के अधिकारी प्रकरण की जांच करेंगे। बतौर एसआईटी प्रमुख उन्हें जांच की निगरानी करने का जिम्मा सौंपा गया है। शिक्षण विभाग के अधिकारियों से नियुक्ति और शालार्थ आईडी से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है। कालुसे और रोहिणी की गिरफ्तारी के बाद पुख्ता जानकारी मिलेगी।