शालार्थ आईडी घोटाला (फाइल फोटो)
Shalarth ID Scam: शालार्थ आईडी घोटाला मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में एक आईएएस को शामिल किया गया है। अब पुणे के विभागीय आयुक्त आईएएस चंद्रकांत पुलकुंडवार को इसका प्रमुख बनाया गया है। उनके नेतृत्व में 3 सदस्य हैं और वर्तमान एसआईटी प्रमुख पुलिस उपायुक्त नित्यानंद झा को हटा दिया गया है।
नागपुर में अयोग्य शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की गई और उनकी शालार्थ आईडी बनाई गई। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ। अब तक इस मामले में लगभग 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें 4 वर्तमान और पूर्व शिक्षा उपनिदेशक, 3 शिक्षा अधिकारी, प्रिंसिपल, स्कूल संचालक, शिक्षक और शिक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल हैं।
शिकायतें सामने आई हैं कि राज्य के अन्य जिलों में भी इस तरह के मामले उजागर हुए हैं। शिक्षा मंत्री ने मानसून सत्र में राज्य स्तरीय जांच के लिए एक एसआईटी के गठन की घोषणा की थी। उसके बाद नागपुर में गठित एसआईटी को राज्य स्तरीय जांच करने का अधिकार दिया गया। विगत दिनों यह भी संकेत दिया गया था कि एसआईटी में एक आईएएस अधिकारी को शामिल किए जाएगा।
अब आईएएस अधिकारी पुलकुंडवार को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था, महाराष्ट्र) मनोज कुमार शर्मा इसके सदस्य होंगे, जबकि शिक्षा आयुक्तालय पुणे के सहसंचालक (प्रशासन, बजट एवं योजना) हारुन आतार को सदस्य सचिव चुना गया है। यह समिति नागपुर, नासिक, जलगांव, बीड़, लातूर, मुंबई आदि जिलों की जांच करेगी।
शिक्षक भर्ती घोटाले के तहत सदर थाना नागपुर में दर्ज धारा 420, 465, 468, 471, 472, 409, 120 (ब), 34 भादंवि के अंतर्गत शिवराम उच्च माध्यमिक विद्यालय, मरामजोब तहसील देवरी, जिला गोंदिया की शिक्षिका भावना हुलीराम राउत (34) को गिरफ्तार किया गया है।
जांच में सामने आया कि उनकी नियुक्ति की मंजूरी का पत्र आरोपी महेंद्र म्हैसकर द्वारा साजिश और फर्जीवाड़े से तैयार किया गया था। शिक्षिका भावना राउत स्वयं सदर थाने में उपस्थित हुईं जिसके बाद उन्हें विधिसम्मत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर उन्हें एमसीआर के तहत सेंट्रल जेल नागपुर भेजा गया है।
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शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों में भय का माहौल है। विभाग में असंतोष की भावना पैदा हो गई है। दहशत के चलते कर्मचारी व शिक्षक छुट्टी पर जा रहे हैं। पुलिस की इस तानाशाही कार्यप्रणाली के विरोध में शुक्रवार को जिला परिषद परिसर में शिक्षा उपसंचालक से लेकर विभाग के चपरासी तक लगभग 150 कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन शुरू कर दिया। इससे विभाग का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।उपसंचालक माधुरी सावरकर के नेतृत्व में सीईओ, जिलाधिकारी, विभागीय आयुक्त व पालक मंत्री को पुलिस की तानाशाहपूर्ण कार्रवाई को रोकने की मांग की गई।