डिफेंस (कंसेप्ट फोटो IANS)
Business News: ऑपरेशन सिंदूर और भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण विश्व भर में गोला-बारूद की मांग बढ़ी है। मांग बढ़ने से कंपनियां भी उत्साहित हैं। उन्हें कारोबार बढ़ाने का एक बड़ा मौका हाथ लगा है। बढ़ती मांग को देखते हुए नागपुर की कंपनी एसबीएल एनर्जी लिमिटेड (एसबीएल) अपनी सैन्य-ग्रेड विस्फोटक उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रही है।
कंपनी की योजना एक साल में येनवेरा गांव (कटोल के पास) में स्थित अपने संयंत्र की क्षमता को 3,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 8,000 एमटीपीए करने की है। इसके लिए कंपनी ने राज्य सरकार के साथ 500 करोड़ रुपये निवेश करने का एमओयू भी किया है। विस्तार के साथ यह संयंत्र एक ही स्थान पर निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी क्षमता वाला संयंत्र बन जाएगा।
इस परियोजना पर 500 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय होगा। इसके लिए एसबीएल आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना बना रही है। एसबीएल के चेयरमैन संजय चौधरी, सीईओ आलोक चौधरी और अध्यक्ष दिव्यांश चौधरी ने बताया कि समूह के पास 5 प्लांट हैं जिसमें नागपुर सबसे बड़ा है। समूह 1500 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है। लगभग 20-25 देशों में निर्यात भी कर रहा है। कंपनी के पास वर्तमान में 350 एकड़ जमीन है और उसने अतिरिक्त 500 एकड़ के लिए राज्य सरकार को आवेदन दिया है।
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कंपनी का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के युद्ध भंडार में आई कमी से भारतीय गोला-बारूद के लिए एक दशक तक चलने वाला बाजार तैयार हो सकता है। प्रबंधन सूत्रों के अनुसार एसबीएल निर्यात के साथ शुरुआत करेगा और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा जारी निविदाओं का भी जवाब देने के लिए तैयार है।
कलमेश्वर में स्थित इस संयंत्र में टीएनटी, हाई-मेल्टिंग एक्सप्लोसिव और रिसर्च-डेवलपमेंट एक्सप्लोसिव जैसे विस्फोटक बनाने की क्षमता होगी। इन पदार्थों का उपयोग खाली गोलों को भरने के लिए किया जाता है।