फ्लाईओवर पर मंथन (AI Generated Image)
Sadar Flyover Nagpur: सदर फ्लाईओवर की दोषपूर्ण डिजाइन को सुधारने की दिशा में मेट्रो ने भले ही एक कदम आगे बढ़ाया हो लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जो भी डिजाइन पेश की जा रही हैं उनमें पेचीदगी काफी ज्यादा है। यह अलग बात है कि 7 महीनों के विचार-विमर्श के बाद महा मेट्रो ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ चर्चा कर एक अंतिम डिजाइन विकल्प को आगे बढ़ा रहा है।
जानकारी के अनुसार पहला विकल्प कस्तूरचंद पार्क में लैंडिंग कराने पर किया जा रहा है, जबकि दूसरा विकल्प यह भी देखा जा रहा है कि फ्लाईओवर को आरबीआई चौक से पार कराकर जीरो माइल के पहले उतारा जाए। इन दोनों विकल्पों के फाइनल होने में अभी भी वक्त है परंतु मेट्रो ने दोनों पहलुओं पर काम शुरू कर दिया है।
जानकारों ने बताया कि यहां पर मेट्रो के नीचे से फ्लाईओवर को गुजारना है। यहां पर एक-एक इंच का काफी महत्व है। इसे दूर करने के बाद विकल्प यह है कि कस्तूरचंद पार्क की जमीन ली जाए। कस्तूरचंद पार्क की जमीन लेकर मेट्रो स्टेशन के पीछे उतारा जाए। अगर यह विकल्प नहीं होता है तो फ्लाईओवर की लंबाई बढ़ाकर आरबीआई चौक के पार उतारने पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है।
इससे फ्लाईओवर से आने वालों को आरबीआई चौक में उतरने की जरूरत नहीं पड़ेगी और एक सिग्नल वे पार कर लेंगे। हालांकि अंतिम निर्णय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को करना है। दोनों प्रस्ताव को लेकर मेट्रो अधिकारी उनसे जल्द मिलने वाले हैं।
डिजाइन में बदलाव : मंत्री गडकरी द्वारा सुझाए गए कुछ संशोधनों को डिजाइन में शामिल किया जा रहा है। अगले एक महीने में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
टेंडर और निर्माण : डिजाइन फाइनल होने के बाद जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे। उम्मीद है कि अगले 2 महीनों में यानी फरवरी या मार्च 2026 तक जमीन पर काम शुरू हो जाएगा।
हेरिटेज संरक्षण : अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि नये डिजाइन में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि ऐतिहासिक कस्तूरचंद पार्क पर कोई विपरीत असर न पड़े।
जनवरी 2020 में शुरू हुए सदर फ्लाईओवर के पूर्वी छोर पर ट्रैफिक जाम और खराब डिजाइन को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। नितिन गडकरी के हस्तक्षेप के बाद महा मेट्रो ने ‘एस्ट्रम टेक्नो कंसल्टेंट्स’ को सलाहकार नियुक्त कर 3 विकल्पों का अध्ययन किया था। वर्तमान में आचार संहिता लागू होने के बावजूद तकनीकी डिजाइन का काम जारी है।
यह भी पढ़ें – Nagpur News: नागपुर को मिला महाराष्ट्र का पहला एलर्जी क्लिनिक, मेयो अस्पताल में नई सुविधा शुरू
जनवरी के मध्य तक रिफाइंड डिजाइन तैयार हो जाएगा। अधिकारी ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक की आवाजाही को सुगम बनाना और घुमावों को तकनीकी रूप से सही करना है, ताकि यह समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सके। महा मेट्रो अब मनपा और एनएचएआई जैसी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है, ताकि निर्माण कार्य शुरू होने पर यातायात में कम से कम बाधा आए।
जानकारों ने बताया कि नई डिजाइन को अगर कस्तूरचंद पार्क में नहीं उतारा जाता है, तो फिर समस्या का समाधान मिलना मुश्किल है। हर हाल में कस्तूरचंद पार्क की जगह लेनी होगी। मेट्रो स्टेशन के पीछे से इसे नये सिरे से उतारना होगा तभी उद्देश्य पूरा हो सकेगा। चौक में उतारने से स्थिति पहले से ही बदतर हो सकती है।
डिजाइन में त्रुटि के कारण ऐेसा पहली बार हुआ है कि नेशनल हाईवे को वर्षों से बंद करके रखा गया है। नेशनल हाईवे बंद रहने से कामठी रोड जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, इसके कारण सदर का क्षेत्र पूरी तरह से चरमरा गया है। लोग इस मार्ग का अधिक से अधिक उपयोग कर रहे हैं, जबकि कई स्थानों पर मार्ग काफी संकरा है और वहां पर रोजाना जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।