सुनील आंबेकर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Sunil Ambekar Statement on Malegaon Blast Verdict: मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी 7 आरोपियों को एनआईए कोर्ट ने बरी कर दिया है। इस फैसले पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पहली प्रतिक्रिया सामने आयी है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को मालेगांव विस्फोट मामले में सभी 7 आरोपियों को बरी करने के कोर्ट के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे सच सामने आ गया है।
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि कुछ लोगों ने अपने निजी और राजनीतिक कारणों से इस मुद्दे को उठाया था और पूरे हिंदू समुदाय और हिंदू धर्म को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि मुकदमा लंबा चला, जिसके बाद अदालत ने कई सबूतों के आधार पर अपना फैसला सुनाया। आंबेकर ने दावा किया कि फैसले ने साबित कर दिया है कि सभी आरोप निराधार थे।
बता दें कि उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास 29 सितंबर 2008 को एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट हो गया था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 101 अन्य घायल हुए थे।
इसके लगभग 17 साल बाद, मुंबई की एक विशेष अदालत ने 31 जुलाई को सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं हैं। अदालत ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और वह केवल धारणा के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती।
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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के मामलों की सुनवाई के लिए नियुक्त विशेष न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने अभियोजन पक्ष के मामले और की गई जांच में कई खामियों को उजागर किया और कहा कि आरोपी व्यक्ति संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं।
पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के अलावा, आरोपियों में मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी शामिल थे। अदालत ने सरकार को विस्फोट में मारे गए छह लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये और घायल हुए सभी 101 लोगों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)