चंद्रशेखर बावनकुले व रोहित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Chandrashekhar Bawankule On Rohit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने एक कंपनी के 90 करोड़ रुपये का दंड माफ करने का आरोप राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पर लगाया है। इस पर पलटवार करते हुए बावनकुले ने चुनौती दी कि या तो आरोप सिद्ध करें या फिर रोहित पवार राजनीति से संन्यास ले लें।
मंत्री बावनकुले ने कहा कि यह पुराना मामला है। तत्कालीन राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने इस प्रकरण पर स्टे दिया था। कोई दंड माफ नहीं किया गया था। मेरे कार्यकाल में भी किसी का कोई दंड माफ नहीं किया गया।
बावनकुले ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार में क्या हुआ, कौन से विज्ञापन दिए गए, खंडनी वसूली कैसे की गई, यह सब रोहित को देखना चाहिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के ‘देवाभाऊ’ वाले विज्ञापन पर बावनकुले ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को नतमस्तक होने वाला यह राज्य महाराष्ट्र की 14 करोड़ जनता को समर्पित है।
यह विज्ञापन किसी ने सीएम के प्रति प्रेम के चलते दिया तो रोहित पवार के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। किसी विषय का अध्ययन न करते हुए अनर्गल आरोप करना राजनीतिक अपरिपक्वता का लक्षण है।
राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा कि सीएम ने ओबीसी का नुकसान हो, ऐसा निर्णय नहीं लिया। किसी का आरक्षण किसी की थाली में नहीं जाने दिया जाएगा। 10 सितंबर को ओबीसी उपसमिति की बैठक है जिसमें छगन भुजबल, पंकजा मुंडे, दत्ता भरणे, गुलाबराव पाटिल सहित 6-7 मंत्री सहभागी होंगे।
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कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार को आरक्षण के संदर्भ में कोई शंका है तो वे उपसमिति के समक्ष उसे रख सकते हैं। राजनीतिक स्टंट कर समाज संभ्रम निर्माण करने का प्रयास कांग्रेस कर रही है। उन्होंने साफ किया कि बिना उचित कागजातों के प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। अधिकारियों के सिर पर तलवार तानकर प्रमाण पत्र नहीं निकलने वाला है।