इंजीनियरिंग में प्रवेश (फाइल फोटो)
Career News: राज्य में अब तक इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए रिकॉर्ड 1 लाख 66 हजार 746 सीटों पर प्रवेश हुए। विश्वविद्यालयों में प्रवेश के अनुसार सावित्रीबाई फुले पुणे विवि में सबसे अधिक प्रवेश हुए जबकि नागपुर विवि से संलग्नित कॉलेजों में 15,950 छात्रों ने प्रवेश लिया। करीब 1,500 सीटें ही खाली रह गईं। हर वर्ष की तुलना में इस बार अच्छे प्रवेश होने से कॉलेजों में खुशी लौट आई है।
इस बार लड़कों की तुलना में प्रवेश लेने वाली लड़कियां भी लगभग समान हैं। इस बार इंजीनियरिंग प्रवेश में पांच दौर की प्रक्रिया की गई। सीटें बढ़ने के साथ ही छात्रों का सबसे अधिक रुझान कम्प्यूटर और एलाइड ब्रांच की ओर ज्यादा रहा। लगभग सभी कॉलेजों में इन दोनों ब्रांच की सीटें भर गई हैं। सिविल, मैकेनिकल जैसी कुछ ही ब्रांच में सभी सीटें नहीं भर पाईं लेकिन मौजूदा स्थिति समाधानकारक मानी जा रही है।
मुंबई विवि से संबद्ध कॉलेजों की 36 हजार 775 सीटों में से 29 हजार 998 सीटें भर चुकी हैं। हालांकि छात्रों की संख्या के मामले में मुंबई विवि दूसरे स्थान पर है लेकिन 6 हजार 777 सीटें खाली हैं। इस वर्ष राज्य भर के 372 इंजीनियरिंग कॉलेजों में डिग्री पाठ्यक्रमों के पहले वर्ष में 2 लाख 2 हजार 883 सीटें उपलब्ध हुई थीं।
प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी पुणे विवि के पास उपलब्ध 70 हजार 420 सीटों में से 9 हजार 938 यानी 14 प्रतिशत सीटें खाली रह गईं। पुणे के बाद डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (बाटू) लोनेरे में 43 हजार 509 सीटें उपलब्ध थीं। 13,551 सीटें खाली रहीं और छात्रों ने 29,858 सीटों पर प्रवेश लिया।
राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में 15,950 छात्रों ने प्रवेश लिया। सभी कॉलेजों में कुल 17,451 सीटें उपलब्ध हुई थीं। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों से संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में कुल 1,66,746 छात्रों ने प्रवेश लिया। इंजीनियरिंग के किसी भी डिग्री कोर्स में यह अब तक का सबसे अधिक प्रवेश है। फिर भी राज्य भर में 35,900 सीटें खाली रह गईं।
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इस वर्ष इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष में अच्छे प्रवेश हुए हैं। छात्रों का रुझान बढ़ा है। लड़कों की तरह ही लड़कियों ने भी अधिक प्रवेश लिया है। कम्प्यूटर और एलाइड ब्रांच को लेकर छात्रों का आकर्षण अधिक देखने को मिला। उच्च शिक्षा में युवाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत है।
– डॉ. संजय बडजाते, प्राचार्य एसबी जैन कॉलेज
इंजीनियरिंग प्रथम वर्ष में अच्छे प्रवेश हुए हैं। सभी कॉलेजों में लगभग सभी ब्रांच में सीटें भरी हैं। भविष्य में अच्छे रोजगार की संभावना को देखते हुए अभिभावकों सहित छात्रों ने पाठ्यक्रम के प्रति विश्वास दिखाया है। कम्प्यूटर और इससे संबंधित ब्रांच में सबसे अधिक प्रवेश हुए हैं।
– डॉ. सचिन उंटवाले, संचालक रायसोनी इंजीनियरिंग कॉलेज