मराठा आंदोलन का कोई विरोध नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में भूख हड़ताल पर बैठे मराठा नेता मनोज जरांगे के आंदोलन का पनवेल और उरण में यातायात पर व्यापक असर पड़ा है। जिस रास्ते से प्रदर्शनकारी मुंबई के लिए निकल रहे हैं, वहाँ पिछले दो दिनों से जेएनपीएम हाईवे पर भीषण जाम लगा हुआ है। इसका असर आम नागरिकों पर भी पड़ रहा है। इस बीच, प्रदर्शनकारी कलंबोली और कामोठे में रुके हुए हैं, जिससे वहाँ यातायात व्यवस्था बाधित हुई है।
इस जाम से सबसे ज़्यादा नुकसान ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों को हुआ। कंटेनर समय पर बंदरगाह नहीं पहुँच पाए, जिससे जहाज़ पर माल लादने की समय सीमा चूक गई। नतीजतन, कंटेनरों का निर्यात रुक गया। इसके कारण ट्रांसपोर्टरों को अतिरिक्त शुल्क और विलंब शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है। रॉयल ट्रांसपोर्ट के प्रमुख पंढरीनाथ गंजवे ने कहा कि कंटेनरों के समय पर न पहुँचने के कारण लगने वाले शुल्क का भुगतान हमें करना होगा। बंदरगाह पर यातायात को बिना किसी कारण रोके सुचारू रखा जाना चाहिए।
इस बीच नागपुर से राजे मुधोजी भोसले का बयान सामने आया है उन्होंने कहां कि मनोज जरांगे पाटिल का आंदोलन मुंबई के आज़ाद मैदान में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की माँग को लेकर चल रहा है। महाराष्ट्र के लाखों मराठा इसमें शामिल हुए हैं और आगे भी बढ़ रहे हैं। मीडिया ने इस आंदोलन के बारे में मेरे रुख़ पर ध्यान दिया है। मैंने घोषणा की है कि मुझे किसी के अधिकार से आरक्षण नहीं चाहिए। “मराठा समुदाय को मराठा होने के नाते शिक्षा और नौकरियों में उचित आरक्षण मिलना चाहिए। ताकि वे जीवित रह सकें।” मैंने मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन का भी समर्थन किया है और उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं।
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लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों ने यह खबर चलाई कि मैंने जरांगे को फटकार लगाई, मराठा आंदोलन का विरोध किया और ओबीसी आंदोलन का समर्थन किया। यह बहुत गलत है। मैंने मराठा आंदोलन का किसी भी तरह से विरोध नहीं किया। और मैंने ओबीसी आंदोलन का समर्थन भी नहीं किया है। इसके माध्यम से मैं मीडिया से अनुरोध करता हूँ कि वे गलत खबरें न चलाएँ। इस गलत खबर से मराठा समुदाय की भावनाएँ आहत हो रही हैं। समुदाय में गलतफहमी पैदा हो रही है। कृपया मराठा समुदाय की भावनाओं का सम्मान करें। अगर इस गलत खबर से समुदाय की भावनाएँ आहत हुई हैं, तो मैं क्षमा चाहता हूँ।