मृतक विनय पुणेकर
नागपुर. राजनगर में विनय पुणेकर की हत्या के बहुचर्चित मामले में आरोपित साक्षी ग्रोवर ने जमानत के लिए जिला न्यायालय में अर्जी दायर की। जिला सत्र न्यायालय द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद अब हाई कोर्ट में जमानत अर्जी दायर की गई जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सदर पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने का आदेश दिया है। अब साक्षी द्वारा समय देने की गुहार लगाई गई है जिसके बाद हाई कोर्ट ने 25 सितंबर तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
अभियोजन पक्ष की मानें तो हत्या में मुख्य आरोपी हेमंत शुक्ला के साथ साक्षी के वाट्सएप चैट पाए गए हैं। यहां तक कि वह स्वयं शुक्ला को पुणेकर के आवास के पास ले गई थी। 10 मिनट बाद फिर से वह हेमंत को लेकर स्कूटी पर चली गई थी। इसी तरह से दोनों के बीच वाट्सएप पर हुए संभाषण भी उजागर हुए हैं, जबकि याचिकाकर्ता साक्षी का मानना है कि उसका हत्या से संबंध नहीं है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार जांच में कई पुख्ता सबूत प्राप्त हुए हैं जिसमें पाया गया कि हेमंत शुक्ला ही सॉफ्टवेयर एप के माध्यम से साक्षी का फोन ऑपरेट कर रहा था। वैज्ञानिक सबूतों में भी पाया गया कि साक्षी का इसमें सीधा संबंध है। चूंकि धारा 302 के तहत मामला दर्ज हुआ है। ऐसे में हत्या के लिए मृत्युदंड या फिर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। ऐसे गंभीर मामलों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी बेल देने के संदर्भ में कुछ निर्देश जारी कर रखे हैं। साक्षी की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। केवल संदेह के आधार पर साक्षी को गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियों ने जांच पूरी कर ली है, जबकि कोई भी पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा है।
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वकील ने कहा कि केवल इस मामले के मुख्य आरोपी हेमंत शुक्ला को ले जाना पर्याप्त नहीं है जिससे अर्जी स्वीकार करने का अनुरोध अदालत से किया। अभियोजन पक्ष के अनुसार साक्षी का पूरे मामले में एक्टिव रोल पाया गया है। अन्य आरोपी के साथ मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया गया है। हेमंत और साक्षी के बीच संबंधों को लेकर कई पुख्ता सबूत हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली है जिससे मामले में पुलिस के हाथ अधिक पुख्ता सबूत भी लगे हैं।
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