दीक्षाभूमि (सौजन्य-नवभारत)
Deekshabhoomi: नागपुर के पवित्र दीक्षाभूमि में 2 अक्टूबर को होने वाले धम्मचक्र प्रवर्तन दिन समारोह की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस आयोजन के लिए परिसर को तैयार करने के क्रम में हाल ही में हुए एक विवाद पर प्रशासन ने अपनी स्थिति स्पष्ट की। प्रशासन ने अनुयायियों को आश्वस्त किया है कि सभी काम समय पर पूरे कर लिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के मद्देनजर प्रन्यास दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अनुरोध पर परिसर में विकास और समतलीकरण का कार्य कर रहा है। यह कार्य इसलिए आवश्यक हो गया था क्योंकि बारिश का पानी निचले हिस्सों में जमा हो रहा था। लगातार बारिश के कारण समतलीकरण के लिए डाली गई ‘चूरी’ (बारीक गिट्टी) रोलर से दबकर जमीन में धंस गई।
सूत्रों के अनुसार कुछ नागरिकों के तत्काल काम पूरा करने के दबाव और आंदोलन की चेतावनी के कारण परिसर में हार्ड मेटल (खडंगा) डाला गया। यह हार्ड मेटल प्रन्यास के हॉट मिक्स प्लांट से लाया गया था जिसमें 40 मिमी, 20 मिमी मेटल और चूरी डस्ट का मिश्रण होता है।
हालांकि मानसून के कारण हॉट मिक्स प्लांट पिछले 3 महीनों से बंद था और लगातार बारिश के संपर्क में आने से इस सामग्री से दुर्गंध आने लगी। जैसे ही उपस्थित नागरिकों ने इस समस्या की ओर ध्यान दिलाया, प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए केवल 3 घंटों के भीतर पूरे मटेरियल को वहां से हटवा दिया।
प्रशासन ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि इस घटना को कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश कर लोगों को उत्तेजित करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि समस्या का तुरंत समाधान कर दिया गया था। विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति को लेकर प्रशासन ने बताया कि बारिश थमने के बाद खदानें खुलते ही दीक्षाभूमि परिसर में मुरुम और मेटल डालकर समतलीकरण का काम फिर से शुरू हो गया है। नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त और नागपुर महानगरपालिका के आयुक्त तथा जिलाधिकारी द्वारा 16 सितंबर को किए गए दीक्षाभूमि के दौरे के बाद दिए गए निर्देशों के अनुसार कई महत्वपूर्ण कार्य पूरे कर लिए गए हैं।
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