अवैध रेत खनन से बढ़ी गुंडागर्दी। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: बीड जिले के मासाजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मामला सुर्खियों में है। आरोप है कि इस मामले के आरोपी वाल्मीक कराड और उसके साथी बीड जिले में अवैध रेत खनन में भी शामिल हैं। इस पृष्ठभूमि में राज्य की पर्यावरण मंत्री और बीड जिले से भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने नागपुर में इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। मुंडे बुधवार रात एक निजी कार्यक्रम के लिए नागपुर पहुंचीं तो उन्होंने मीडिया से बात की।
रेत खनन के लिए हमारे विभाग से पर्यावरण अनुमति की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह विषय मुख्यतः राजस्व विभाग से संबंधित है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि रेत खनन से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इस विषय पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले से चर्चा की गई है। अवैध रेत खनन से सरकार को भारी वित्तीय नुकसान होता है।
पंकजा मुंडे ने कहा कि अवैध रेत खनन से स्थानीय स्तर पर अपराध भी बढ़ रहा है। हालांकि, सीमित रेत खनन आवश्यक है, क्योंकि इससे नदी का तल गहरा होता है और पानी जमीन में रिसता है, इसलिए रेत खनन के संबंध में संतुलन बनाना आवश्यक है।
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हम नदियों के पुनरोद्धार के लिए लोगों से मिल रहे हैं। मुंडे ने कहा कि लोगों से मिले सुझावों के आधार पर जल्द ही राज्य के समक्ष एक नई योजना पेश की जाएगी। नदियाँ उपेक्षित हैं, कोई भी उनकी जिम्मेदारी नहीं लेता। पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि चूंकि नदियां राज्य और देश की संपत्ति हैं, इसलिए हम उनके पुनरुद्धार की योजना बना रहे हैं।
बता दें कि अवैध रेत खनन का मुद्दा नया नहीं है। सूत्रों के मुताबिक खनन करने वालों की राजनीतिक व प्रशासनिक पकड़ अच्छी है। इस कारण अवैध उत्खनन कर राजस्व को चूना लगाया जाता है, वहीं अधिकारी भी इसे नजरअंदाज कर अनुचित लाभ लेते रहे हैं। अवैध रेत खनन के मुद्दे पर जड़ तक जाकर काम करना होगा तभी समाधान निकल पाएगा।