नागपुर में नर्सों की हड़ताल जारी (सौजन्य-नवभारत)
Nurses Strike in Maharashtra : सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। हालांकि कुछ नर्सों के भरोसे व्यवस्था को संभालने का दावा किया जा रहा है लेकिन वस्तुस्थिति यह है कि मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। पूर्व नियोजित ऑपरेशन स्थगित करने पड़ रहे हैं। केवल इमरजेंसी ऑपरेशन को ही प्राथमिकता दी जा रही है।
इतना ही नहीं, मेयो, मेडिकल और आयुर्वेद कॉलेज की ओपीडी सहित आईपीडी में भी मरीजों की संख्या कम हुई है। इस बीच अधिष्ठाता ने प्रोबेशनरी नर्सों को काम पर लौटने के आदेश दिये हैं अन्यथा बिना जांच सेवा समाप्त करने का अल्टीमेटम जारी किया गया है। इस संबंध में शनिवार को वैद्यकीय शिक्षा व अनुसंधान विभाग की ओर से मेडिकल के अधिष्ठाता को एक पत्र जारी किया गया।
इसमें कहा गया है कि स्पर्धा परीक्षा 2023 के माध्यम से नियुक्त हुईं नर्सों का दो वर्ष का प्रोबेशनरी पीरियड होने से बिना अनुमति सेवा से अनुपस्थित नहीं रह सकतीं। इस हालत में बिना पूर्व सूचना दिये उनकी सेवा समाप्त की जा सकती है। मेडिकल के अधिष्ठाता ने इस संबंध में नर्सों को पत्र जारी कर शनिवार से ही काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया अन्यथा उनकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजने की चेतावनी दी गई है। हालांकि नर्सों पर अधिष्ठाता के इस पत्र का भी कोई असर नहीं होता नजर नहीं आ रहा है।
नर्सों की हड़ताल से स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगा है। मेडिकल और मेयो प्रशासन भले ही स्थिति सामान्य होने का दावा करें लेकिन वार्डों के भीतर अव्यवस्था का आलम देखा जा सकता है। ऑपरेशन के वक्त नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। नर्सें कम होने से ऑपरेशन बाधित हुये हैं। शनिवार को मेडिकल और मेयो में दर्जन भर ऑपरेशन स्थगित करने पड़े। केवल इमरजेंसी ऑपरेशन को ही प्राथमिकता दी जा रही है। पूर्व नियोजित ऑपरेशन की तिथि को आगे बढ़ाया जा रहा है।
नागपुर के मेयो, मेडिकल और आयुर्वेद कॉलेज को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस बीच वार्डों में नर्सों की कमी की वजह से मरीजों को इंजेक्शन लगाने के साथ-साथ दवा की खुराक देने का काम भी बाधित हो रहा है। अस्थायी राहत के तौर पर बीएससी नर्सिंग की छात्राओं की सेवा ली जा रही है लेकिन अनुभव की कमी होने से दिक्कतें आ रही हैं। इन दिनों बीएससी नर्सिंग की परीक्षाएं चल रही हैं। परीक्षा के बाद वार्डों में सेवा देने से छात्राओं पर भी मानसिक तनाव बढ़ रहा है।
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कई छात्राओं को क्लिनिकल नर्सिंग केयर की शत-प्रतिशत जानकारी न होने के बावजूद वार्ड में सेवा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। कुछ छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षाएं शनिवार को समाप्त हुईं। परीक्षाएं समाप्त होते ही उन्हें वार्ड में भेज दिया गया। कुछ छात्राएं रविवार को सेवा में शामिल होंगी। बीएससी नर्सिंग की छात्राओं को शाम 7 बजे तक छात्रावास पहुंचने का नियम है लेकिन हड़ताल के कारण इन छात्राओं को छूट दी गई है। इन्हें रात 8 बजे वार्ड में रात्रिकालीन ड्यूटी के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया गया है लेकिन इसी दौरान मेस में खाने का भी समय होता है।