नितिन गडकरी का जनता दरबार बना उम्मीदों का मंच (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा नागपुर में आयोजित जनसंपर्क कार्यक्रम सिर्फ एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और मानवीय संवाद का मंच बन गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में नागरिकों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि मंत्री गडकरी को जनता केवल एक नेता नहीं, बल्कि संकट में साथ खड़े रहने वाले मार्गदर्शक के रूप में देखती है।
कार्यक्रम में दिव्यांग नागरिक, वृद्ध महिला-पुरुष, समाजसेवी, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, युवाओं के साथ-साथ गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों ने भी हिस्सा लिया। वे अपने हाथों में आवेदन लेकर आशा की नजरों से गडकरी के पास पहुंचे। हर किसी की बात को गंभीरता से सुनना, प्रश्नों के उत्तर देना और तत्काल संबंधित विभाग को निर्देश देना यही मंत्री गडकरी की कार्यशैली का हिस्सा बन चुका है।
कई दिव्यांग व्यक्तियों ने अपनी दैनिक परेशानियां बताईं, जैसे व्हीलचेयर, कृत्रिम अंग, पेंशन या यातायात सुविधा से जुड़े मुद्दे। कुछ ने वर्षों से लंबित सरकारी सहायता की ओर ध्यान आकर्षित किया। गडकरी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा, “दिव्यांगजन हमारी जिम्मेदारी हैं, उन्हें जीने का हक सम्मानपूर्वक मिलना चाहिए।”
कुछ वृद्ध महिलाओं और पुरुषों ने अपनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन, स्वास्थ्य सुविधा और आश्रय योजनाओं की जानकारी मांगी। गडकरी ने उनकी हर बात ध्यान से सुनते हुए यह वादा किया कि हर पात्र व्यक्ति को सरकार की योजना का लाभ मिलना चाहिए। “बुजुर्गों की सेवा करना हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है,” उन्होंने भावुक होकर कहा।
शहर और जिले की कई सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक संस्थाओं ने स्थान, आर्थिक सहयोग, परमिशन व प्रशासनिक अड़चनों से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रखी। गडकरी ने आश्वासन देते हुए कहा, “कोई भी नेक कार्य, जो समाज के भले के लिए हो, वह सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए। ऐसे हर मामले में हम साथ हैं।” कार्यक्रम का सबसे मार्मिक दृश्य वह था, जब कुछ मरीज मंच पर पहुंचे।
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ये वे लोग थे, जिनकी जिंदगियों में गडकरी की मदद से बड़ा बदलाव आया था। किसी ने हृदय शल्यचिकित्सा करवाई, किसी को जीवनरक्षक दवाएं मिलीं, तो किसी को इलाज के लिए तत्काल आर्थिक सहायता। इन सभी ने हाथ जोड़कर मंत्री का आभार जताया। एक वृद्ध महिला ने भावुक होकर कहा, “ईश्वर के बाद अगर किसी ने मेरी जान बचाई है, तो वो आप हैं।” यह सुनकर मंच पर भी कुछ क्षण सन्नाटा छा गया।
गडकरी ने भी उन्हें गले लगाया और कहा, “आपकी मुस्कान ही मेरी सबसे बड़ी जीत है।” कार्यक्रम के बाद कई नागरिकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नितिन गडकरी केवल योजनाएं और पुल बनाने वाले मंत्री नहीं, बल्कि ज़मीन से जुड़े हुए ऐसे जननेता हैं जो हर पीड़ित की पुकार पर प्रतिक्रिया देते हैं। “उनके ऑफिस में फोन उठता है, फाइलें रुकती नहीं हैं, और समाधान होता है,” यह बात हर किसी ने दोहराई।