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6 साल बाद बड़ा फैसला! नितिन गडकरी के खिलाफ दायर याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज, जानें पूरा मामला

Nitin Gadkari Election Petition: 2019 लोकसभा चुनाव में आय छुपाने और गलत विवरण के आरोपों पर दायर याचिका को हाई कोर्ट ने छह साल बाद खारिज किया। नितिन गडकरी को बड़ी राहत मिली।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Nov 22, 2025 | 10:55 AM

नितिन गडकरी के खिलाफ दायर याचिका खारिज (सौजन्य-सोशल मीडिया)

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2019 Lok Sabha Election Case: मई 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले भाजपा के प्रत्याशी नितिन गडकरी द्वारा चुनाव में किए गए खर्च का सही हिसाब नहीं दिया गया। साथ ही चुनाव नामांकन पत्र के साथ दिए गए हलफनामे में आय की सही जानकारी का खुलासा नहीं किया गया।

उन पर सही आय की जानकारी छिपाने और आय का स्रोत कृषि बताने का आरोप लगाते हुए मोहम्मद नफीस खान की ओर से चुनाव याचिका दायर की गई। इस पर 6 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद अब हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से अधि। एस।वी। पुरोहित, चुनाव आयोग की ओर से अधि। नीरजा चौबे और गडकरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस।वी। मनोहर ने पैरवी की।

HUF संपत्ति विवाद पर सुनवाई असंभव

हाई कोर्ट ने चुनाव याचिका को फलहीन करार देते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने फैसले में कहा कि याचिका को आगे बढ़ाना किसी भी पक्ष के लिए कोई फलदायी परिणाम हासिल नहीं करेगा। कोर्ट ने याद दिलाया कि 26 फरवरी, 2021 के अपने आदेश में प्रतिवादी गडकरी द्वारा दायर आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकार किया था।

याचिका के कई पैराग्राफ को ऑर्डर VI नियम 16 के तहत हटा दिया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर ने कहा कि हटाए गए पैराग्राफ ‘भ्रष्ट आचरण’ से संबंधित थे। याचिका के केवल 2 पैराग्राफ बरकरार रखे गए थे। ये बरकरार रखे गए बिंदु नामांकन पत्रों से संबंधित थे, न कि भ्रष्ट आचरण से संबंधित थे।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

कोर्ट को बताया गया कि बरकरार रखे गए पैराग्राफों में संपत्ति की स्थिति की जांच आवश्यक थी। यानी यह जांचना कि संपत्ति हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) की है या नहीं। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा था कि यह प्रश्न कि क्या संपत्ति HUF है या नहीं, चुनाव याचिका की कार्यवाही के दायरे में नहीं लिया जा सकता।

यह भी पढ़ें – गुजरात के पास गिरवी रखा महाराष्ट्र…कांग्रेस के बयान से मची खलबली, बोले- वोट चोरी मुद्दा नहीं

न्यायाधीश पानसरे ने कहा कि चूंकि याचिका में बरकरार रखे गए पैराग्राफों के लिए HUF संपत्ति की स्थिति के बारे में जांच की आवश्यकता होगी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण ऐसा करना संभव नहीं है, इसलिए अयोग्यता का निष्कर्ष निकालना कोर्ट के लिए मुश्किल होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोहर ने तर्क दिया कि यदि याचिकाकर्ता सफल भी होता है, तो यह केवल ‘शैक्षणिक उद्देश्य’ के लिए होगा, जिससे याचिकाकर्ता को कोई लाभ नहीं मिलेगा।

Nitin gadkari election petition dismissed high court

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Published On: Nov 22, 2025 | 10:55 AM

Topics:  

  • High Court
  • Maharashtra
  • Nagpur
  • Nitin Gadkari

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