
मंत्री नरहरि झिरवल (सोर्स: सोशल मीडिया)
Narhari Zirwal Assembly Statement: महाराष्ट्र विधानसभा में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) मंत्री नरहरि झिरवल ने बुधवार को एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि राज्य भर में घटिया और निम्न गुणवत्ता वाली दवाएं बेचने के आरोप में पिछले एक वर्ष में 215 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई FDA द्वारा चलाए गए एक विशेष अभियान के तहत की गई है।
महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री नरहरि झिरवल ने विधानसभा को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य भर में घटिया दवाओं की बिक्री को रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अमित साटम और अन्य द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में झिरवल ने यह आंकड़े पेश किए।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत, घटिया दवाएं बेचने के आरोप में 176 खुदरा विक्रेताओं और 39 थोक विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा, 136 खुदरा विक्रेताओं और 93 थोक विक्रेताओं का गहन निरीक्षण किया गया। मंत्री ने कहा कि घटिया खांसी की दवा बेचने के लिए इन विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे, जिसके बाद उनके लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की गई।
एफडीए मंत्री नरहरि झिरवल ने यह भी बताया कि यह कार्रवाई विशेष रूप से इसलिए जरूरी हो गई थी, क्योंकि अक्टूबर 2024 में एफडीए के अभियान के दौरान दवा दुकानों और कंपनियों में नकली कफ सिरप पाए गए थे। उन्होंने बताया कि इस विशेष जांच के तहत, मुंबई, ठाणे, पुणे, औरंगाबाद और नागपुर मंडलों के 10 अलग-अलग स्थानों से कुल 36 दवा नमूनों को परीक्षण और विश्लेषण के लिए भेजा गया था। इन परीक्षणों के परिणाम चौंकाने वाले थे, 36 में से 34 दवा के नमूने निम्न गुणवत्ता के पाए गए।
यह भी पढ़ें:- Third Mumbai Plan: रायगड-ठाणे में बन रही नई सुपर सिटी, जानें क्या-क्या मिलेगा यहां
इन निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तपेदिक (Tuberculosis), हृदय रोग और रक्त को शुद्ध करने वाली दवाएं शामिल थीं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में बच्चों के लिए बने कफ सिरप के एक विशेष ब्रांड के छह नमूने भी घटिया गुणवत्ता के पाए गए। एफडीए की इस कार्रवाई से दवा क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि घटिया दवाओं की बिक्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।






